आज का विचार

आज का विचार

आज का विचार

*चित्तं चरित्रं प्रत्यक्षं* *दृश्यमाणावयत्नत:।* 
 *भोजनव्यवहाराभ्यां* *विजानीयान्नृणामहो।।* 

भावार्थ- 
 मनुष्य के *चित्त* और *चरित्र*
 प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले होते हैं।
 बड़े ही सहज ढंग से मनुष्य के चित्त
 की पहिचान उसके *भोजन* से
 तथा चरित्र की पहिचान उसके
 *व्यवहार* से किया जा सकता है।
        
               (शान्तेयशतक) 
              
 *प्रवीणमणित्रिपाठी"शान्तेय:"✍️*