आज का विचार
आज का विचार
चित्तं चरित्रं प्रत्यक्षं
दृश्यमाणावयत्नत:।
भोजनव्यवहाराभ्यां
विजानीयान्नृणामहो।।
भावार्थ-
मनुष्य के चित्त और चरित्र प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले होते हैं।बड़े ही सहज ढंग से मनुष्य के चित्त की पहिचान उसके भोजन से तथा चरित्र की पहिचान उसके व्यवहार से किया जा सकता है।
(शान्तेयशतक)
डॉ० प्रवीणमणित्रिपाठी 'शान्तेय'