04 अगस्त 2024 का पंचांग एवं रविवार का माहात्म्य
आज रविवार है।
श्री शुभ संवत् 2081 के श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि। शक संवत् 1946 के राष्ट्रीय श्रावण मास की 13वीं तिथि,
तदनुसार दिनांक 04 अगस्त सन् 2024 ई०।
आज सूर्योदय प्रातः 05 बजकर 26 मिनट पर
तथा सूर्यास्त सायं 06 बजकर 34 मिनट पर होगा।
वर्षा ऋतु है।
दिनमान 32 घटी 51 पल
तथा रात्रि मान 27 घटी 05 पल।
अमावस्या तिथि का मान दिन में 03 बजकर 50 मिनट तक
तदुपरांत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि।
राहु काल सायं 4:30बजे से 06:00 बजे तक है।
राहु काल में यात्रा एवं शुभकार्य का आरंभ नहीं करना चाहिए।
रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
यदि आवश्यक हो तो पान या घी खाकर यात्रा की जा सकती है।
यात्रा का आशय आपके नियमित कार्य से नहीं होता।
दिन में 01 बजकर 49 मिनट तक पुष्य नक्षत्र है
इसके अनंतर श्लेषा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा।
दिन में 12 बजे तक सिद्धि योग है।
आज मासान्त दोष के कारण कोई मुहूर्त नहीं है।
कल से शुक्ल पक्ष शुरू हो रहा है।
सोमवार को प्रतिपदा तिथि है।
07 अगस्त बुधवार को हरियाली या कजरी तीज
तथा 09 अगस्त शुक्रवार को नाग पंचमी है।
रविवार का माहात्म्य
सूर्य देवता की पूजा का दिन है रविवार। सूर्य एक ऐसे देवता हैं जिनका हम साक्षात् दर्शन करते हैं।जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य सूर्य से ही प्राप्त होते हैं।रविवार का व्रत रखने से समस्त शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति असीम सुखों को प्राप्त करना है। ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। इसलिए नवग्रहों की शांति के लिए भी सूर्य देव की उपासना की जाती है।भगवान सूर्य को जल देते समय उसमें रोली तथा लाल फूल मिलाकर जल दें ।यह कार्य सूर्योदय से एक घंटे तक अवश्य कर लें।'ऊं आदित्य नम:' मंत्र का जाप करें। इसके अलावा 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का भी जप करना फलदायी होता है।
ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य की पूजा करने से कुंडली दोष दूर होता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं।
आचार्य केशव शुक्ल
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