यूपी के टॉप-10 में मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज को लाने का प्रयास

May 13, 2025 - 22:51
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यूपी के टॉप-10 में मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज को लाने का प्रयास

◆पीजी स्तर पर अध्ययन का दायरा बढ़ाया जा रहा

◆उच्चस्तरीय सेमिनार आदि मेडिकल कॉलेज में कराया जाएगा

◆मेडिकल स्टूडेंस को गांवों की ओर भी भेजा जाएगा

◆6 माह कार्यकाल पूर्ण होने पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की पत्रकारों से लंबी वार्ता

मिर्जापुर।

 मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ संजीव कुमार सिंह ने कहा कि उनका बहुआयामी प्रयास है कि उनका महाविद्यालय उत्तर प्रदेश के टॉप-10 महाविद्यालयों में अपना स्थान बनाए। इसके लिए अनेकानेक सेवाओं में वृद्धि, पीजी स्तर पर शैक्षणिक व्यवस्था, सुविख्यात चिकित्सकों को बुलाकर सेमिनार आदि की व्यवस्था का प्रयास जारी है। अभी तक मेडिकल कॉलेज का अस्पताल जिला स्तरीय अस्पताल था लेकिन जब यहां हर स्तर की जांच, इलाज एवं अध्ययन की व्यवस्था हो जाएगी तो इसका स्वरूप निखरेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक यहां इलाज की कमी के चलते रेफर करने की जो परिपाटी रही है, उसमें कमी लाने की कोशिश की जा रही है। प्रयास है कि मरीज को हर सुविधा यहीं पर मिलने लगे।

    प्रिंसिपल डॉ संजीव कुमार सिंह मंगलवार, 13 मई को अपने कार्यकाल के 6 माह पूरे होने पर स्थानीय पत्रकारों से गुफ्तगूं कर रहे थे। अत्यंत आत्मविश्वास से भरे डॉ सिंह ने कहा कि यहां 12 नवम्बर '24 को कार्यभार ग्रहण करने पर जो संकल्प उन्होंने लिया था, उस दिशा में वे तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक के किए गए कार्यों की 25 सूत्रीय सूची जारी करते हुए उन्होंने बड़े फक्र से कहा कि स्वशासी महाविद्यालयों में उनका महाविद्यालय नम्बर एक पर है, जहां आईपीएचएल लैब की स्थापना हो गई है। इस लैब में 92 प्रकार की जांच की व्यवस्था है। उन्होंने इमरजेंसी ट्रामा सेंटर को विकसित करने के साथ एमबीबीएस छात्रों के लिए 33 सीटर बस के इंतजाम की जानकारी दी। डॉ संजीव कुमार सिंह ने कहा कि इस बस के अलावा 45 सीटर बस जिलाधिकारी द्वारा भी दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। डॉ सिंह ने कहा कि इन बसों से अध्ययनरत मेडिकल स्टूडेंट्स को ग्रामीण इलाकों में भेजा जाएगा, जहां ग्रामीणों के स्वास्थ्य आदि के बारे में उन्हें जानकारी मिल सके। यह अध्ययन का एक पार्ट होगा।

◆नए फैकल्टीज की स्थापना होगी : प्रिंसिपल डॉ संजीव कुमार ने 20 नए फैकल्टीज की स्थापना की जानकारी दी। कहा कि इसमें असिस्टेंट प्रोफ़ेसर्स की तैनाती की जाएगी। इसी के साथ एमएस तथा एमडी की पढ़ाई के विस्तार के लिए प्रयास जारी है। अब तक किए गए कार्यों में उन्होंने 24 घण्टे इमरजेंसी जांच, रैन बसेरा, कोल्ड एवं हीट वेब वार्ड के निर्माण, सैम्पल कलेक्शन सेंटर के विस्तारीकरण, सीटी स्कैन की व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एक अतिरिक्त पोर्टेबुल अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ कुल 3 मशीनों की उपलब्धता के बारे में विस्तार से बताया। डॉ सिंह ने कहा कि दो लिफ्ट का पुनरुद्धार, 500 केवी सौर ऊर्जा पैनल का इंतजाम किया गया है। डॉ सिंह ने सर्वाधिक प्रसन्नता भैरव प्रसाद जायसवाल नेत्र अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में अधिग्रहण पर व्यक्त की। इसके लिए उन्होंने डीएम प्रियंका निरंजन के सहयोग को उल्लेखनीय कहा जबकि पीपीपी मॉडल अमृत फार्मेसी के साथ अन्य कई सेवाओं के विस्तार में केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के योगदान का महत्वपूर्ण कहा। डॉ सिंह ने कहा कि इसी के चलते साढ़े सात एकड़ भूमि मैडिकल कॉलेज को मिल रही है, जहां अध्ययनरत स्टूडेंट्स के लिए खेल आदि की व्यवस्था की जाएगी।

◆भविष्य की योजना : इसके बारे में उन्होंने कहा कि 120 बेड का महिला अस्पताल, एमबीबीएस छात्रों के लिए 300 क्षमता का छात्रावास, पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन मशीन, पीजी कोर्स हेतु 3 नए विषयों के साथ 2 पुराने विषयों पर अध्ययन के अलावा 4 ऑपरेशन थियेटर मेडिकल कॉलेज में होंगे। साथ ही एक मल्टीपर्पज हॉल की भी व्यवस्था भविष्य की योजनाओं में शामिल है।

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◆सलिल पाण्डेय, मिर्जापुर।

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