अमृत वाणी
प्रमाणं ग्रामवचनं विवाहादौ तथात्यये।
यतः परम्परायातं धर्मं विन्दन्ति ते खलु।।
(ज्योतिर्निबन्ध - पृष्ठ १०५/ ३)
अर्थात् - विवाह और मरण संस्कार में ग्रामवचन प्रमाण होता है, क्योंकि ग्रामीण परम्परा से धर्म को जाननेवाले होते है।
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