दिनांक 31 अगस्त 2025 , रविवार का पंचांग
आज महारविवार व्रत है। महा रविवार व्रत का विधान भी देखें।

31 अगस्त 2025 दिन रविवार का पंचांग
विक्रम सम्वत:2082 कालयुक्त
मास एवं पक्ष :भाद्रपद शुक्ल पक्ष
तिथि: अष्टमी रात्रि 9 बजकर 53मिनट तक तत्पश्चात नवमी तिथि
भद्रा निवास: दिन में 8बजकर 55 मिनट तक (स्वर्ग में)
नक्षत्र: अनुराधा दिन में 03 बजकर 59 मिनट तक तत्पश्चात ज्येष्ठा।
योग: वैधृति दिन में 03 बजकर43 मिनट तक तत्पश्चात विष कुम्भ
शक सम्वत:1947 विश्वावसु
राष्ट्रीय भाद्रपद मास की नवीं तिथि
आज सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रास्त का समय
सूर्योदय का समय : 05: 43 ए एम
सूर्यास्त का समय : 06: 17पी एम
चंद्रास्त का समय: 11: 06पी एम
व्रत एवं त्यौहार:
31 अगस्त 2025 रविवार को महारविवार व्रत, राधाष्टमी व्रत
31 अगस्त 2025 को दिन में 01 बजे के बाद सामान्य वृष्टि की सम्भावना है।
शिववास: भगवान शिव श्मशान में हैं अतः मृत्यु दायक।
रुद्राभिषेक हेतु शिववास अनिवार्य नहीं होता है।
शिव प्रतिष्ठा, महामृत्युंजय जप तथा पार्थिव पूजन में शिववास का विचार अवश्य ही कर लेना चाहिए।
रविवार को पश्चिम दिशा तथा नैऋत्य कोण की यात्रा निषिद्ध मानी जाती है। आवश्यक होने पर पान रखकर या घृत खाकर यात्रा की जा सकती है।
आज प्रातः 08 बजकर 55 मिनट के पश्चात विभिन्न मुहूर्त हैं।
महारविवार व्रत पर विशेष
महा रविवार या बड़का इतवार का यह व्रत भगवान सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, संतान प्राप्ति, नेत्र-पीड़ा निवारण, और करियर में तरक्की पाने के लिए यह व्रत नियमों का पालन करते हुए किया जाता है।
क्या हैं नियम
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।साफ लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठेंकर लाल चंदन, लाल फूल, धूप, दीप, दूध और जल अर्पित करें तथा 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र की पांच माला जाप करें। रविवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें. शाम को सूर्यास्त से पहले नमक रहित मीठा भोजन (एक अन्न) ग्रहण करें। व्रत के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें, पान न खाएं और दिन में न सोएं।
बालक,वृद्ध एवं रोगी व्यक्ति के लिए कोई निषेध नहीं होता।
इस व्रत से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ, खुशहाल रहता है और जीवन में बाधाएं दूर होती हैं।
-केशव शुक्ल
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