विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. हरि गौतम का जयपुर में हुआ निधन
जयपुर,
विख्यात हृदय-वक्ष शल्य चिकित्सक और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष एवं देश के प्रख्यात शिक्षाविद् और श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलाधिपति डॉ. हरि गौतम का जयपुर में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से शिक्षा और चिकित्सा जगत में गहरा शोक है। डॉ. हरि गौतम को 4 मई, 2017 को श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया था। वे देश के तमाम प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख व सलाहकार पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका योगदान भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली को दिशा देने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। वे चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुशासन, पारदर्शिता और संस्थागत सुधारों के लिए जाने जाते थे। डॉ. हरि गौतम ने अपने जीवन में सादगी और समर्पण को मूल मंत्र बनाया। उनका मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि समाज में विवेक और करुणा का प्रसार होना चाहिए। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में उन्होंने भारतीय परंपरा और आधुनिक शिक्षा के संगम की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि उनके निधन से न केवल विश्वविद्यालय समुदाय, बल्कि उन असंख्य छात्रों और अध्यापकों को भी गहरा धक्का लगा है, जिन्होंने उन्हें एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत के रूप में देखा। हम सब लोग उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
एक परिचय डॉ हरि गौतम
डॉ. हरि गौतम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के पूर्व कुलपति, केआईआईटी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के पूर्व कुलाधिपति, महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी के पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पूर्व अध्यक्ष, 25 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति हेतु खोज समिति के पूर्व अध्यक्ष/सदस्य, सरकार के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। भारत में यूजीसी और उच्च शिक्षा की 'समीक्षा और पुनर्गठन' करने के लिए भारत की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पूर्व अध्यक्ष, भारत में चिकित्सा शिक्षा की संरचना से संबंधित संसद में लंबित विधेयक की समीक्षा करने और उसके बारे में सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए भारत सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पूर्व अध्यक्ष, भारत में मेडिकल कॉलेजों के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताओं को संशोधित करने के लिए भारत सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पूर्व अध्यक्ष, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की समीक्षा करने के लिए भारत सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के पूर्व सदस्य, पद्म पुरस्कारों के लिए व्यक्तियों के नामों की सिफारिश करने के लिए भारत सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति - पद्म पुरस्कार समिति के पूर्व सदस्य, आगरा / कानपुर / झांसी के मेडिकल कॉलेजों के पूर्व प्रिंसिपल/डीन/प्रोफेसर, एसकेआईएमएस श्रीनगर के कार्डियो-थोरैसिक सर्जरी के पूर्व निदेशक/प्रोफेसर, रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित - एक प्रतिष्ठित चिकित्सा पुरुष, भारत में कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी के विकास के लिए डॉ. बी.सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार के प्राप्तकर्ता रहे है।
What's Your Reaction?
