लोक आस्था के पर्व छठ पर महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
विधि-विधान के साथ पूजा की थाली में प्रसाद व फल लेकर व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया
                                लोक आस्था के पर्व छठ पर महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
श्रीकृष्ण मिश्र हिन्द भास्कर
फरेन्दा महराजगंज
आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन सोमवार को व्रती महिलाओं ने उत्साह से अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। कस्बे के प्रेम मंदिर पोखरे के जल में खड़े होकर व्रतियों ने अर्घ्य देने की प्रक्रिया को पूरा किया और छठ मैय्या से मनौतियां मांगी। सूर्यास्त होने से पहले ही प्रेम पोखरे पर श्रद्धालु अपने परिजनों व छोटे छोटे बच्चों के साथ पहुंचने शुरू हो गए थे। विधि-विधान के साथ पूजा की थाली में प्रसाद व फल लेकर व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया। जैसे-जैसे सूर्यास्त होता रहा व्रतियों ने उसी तरफ सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया। व्रतियों द्वारा खरना के बाद यह पहला अर्घ्य दिया गया। मंगलवार को व्रतियां उदयगामी सूर्य को दूसरा व अंतिम अर्घ्य देकर व्रत खोलेंगी और इसके साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा। नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व छठ शुरू हो जाता है,चार दिन तक श्रद्धालुओं द्वारा छठ मैय्या की पूजा अर्चना की जाती है। अर्घ्य के समय सूर्यदेव को दूध और गंगाजल अर्पित करते हैं। साथ ही प्रसाद से भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। दीपक जलाकर सूर्यदेव और छठी मईया की आरती करते हुए गीत गाया जाता है और व्रत कथा सुनी जाती है। वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से आरपीएफ व जीआरपी के सुरक्षा कर्मियों ने रेलवे ट्रैक के मद्देनजर मुसतैद दिखे तो घाट पर स्काउट्स के कैडेट व स्थानीय पुलिस तैनात रहीं।
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