सोनभद्र खदान हादसे में अब तक 7 शव बरामद, कई और लापता
जनपद प्रभारी मंत्री ने घटना स्थल पर पहुंच मुआवजे और जांच के आदेश दिए।
प्रत्येक मृतक के परिजनों को मिलेंगे 20 लाख 55 हजार की मदद
हिन्द भास्कर, सोनभद्र।
सोनभद्र की खदान में ड्रिलिंग के दौरान धंसी विशालकाय चट्टान अब तक 7 मजदूरों की मौत का कारण बन चुकी है। तीन दिन से चट्टान के नीचे फंसे मजदूरों को बचाने लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत अन्य टीमें अभियान चला रही हैं।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ओबरा क्षेत्र स्थित बिल्ली मारकुंडी पत्थर खदान में 15 नवंबर को हुए भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने करीब 40 घंटे से अधिक समय तक चले राहत एवं बचाव अभियान के दौरान सोमवार सुबह चार और शाम को दो शव बरामद किए। अधिकारियों का कहना है कि मलबे के नीचे अभी और मजदूरों के दबे होने की आशंका है, जिसके चलते अभियान दबाव और चुनौती दोनों का सामना कर रहा है।
बताया जा रहा है कि चट्टान करीब 300 फीट गहराई में गिरी, जहां मजदूर काम कर रहे थे। करीब 30 फीट लंबी-चौड़ी और 75 टन वजन वाली चट्टन के नीचे काम कर रहे 15 से ज्यादा मजदूरों के फंसे होने की चर्चा है। हालांकि अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। वहीं अब तक सात मजदूरों के शव बरामद हो चुके हैं।
सोमवार को हादसे की जानकारी लेने जनपद प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल घटनास्थल और पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हालात का जायजा लिया मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उन्होंने संवेदना व्यक्त की और भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है ।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वह स्वयं स्थिति समझने आए हैं उन्होंने घोषणा की कि मृतक श्रमिकों के परिजनों को विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा अन्य मदों से लगभग 20 लाख 55 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी प्रभारी मंत्री राहत बचाव अभियान की समीक्षा के लिए सीधे खदान स्थल पहुंचे वहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भारी मलवा हटाने में लगी थी उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मलबे की इतनी गहराई से खोजबीन की जाए की हर हादसे का शिकार मजदूर बाहर निकल जाएं।
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मृतकों में दो सगे भाई भी शामिल
रविवार देर रात 11 बजे से सोमवार सुबह 4 बजे के बीच जिन चार शवों को बरामद किया गया, उनमें पनारी गांव के कर्मसार टोला निवासी दो सगे भाई इंद्रजीत यादव (32) और संतोष यादव (30) शामिल हैं। इसके अलावा कोन क्षेत्र के कचनरवा निवासी रविंद्र उर्फ नानक तथा एक अन्य मजदूर का शव भी निकाला गया। इससे पहले रविवार को अमरेनिया निवासी राजू गोंड का शव बरामद किया गया था। सभी शवों को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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