महापरिनिर्वाण दिवस पर हुआ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संवाद भवन में आज दिनांक 6 दिसंबर 2025 को भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह श्रद्धांजलि सभा विश्वविद्यालय के एससी/एसटी अध्यापक और कर्मचारियों के संघ द्वारा श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ भवन के सभागार में आयोजित की गई । इस कार्यक्रम के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति माननीया प्रोफेसर पूनम टंडन जी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर उन्हें अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया, साथ ही उन्होंने अपने उद्बोधन में बाबा साहब के शैक्षणिक और सामाजिक योगदान को याद किया और इस बात पर विशेष जोर दिया कि लोगो को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप अपने व्यवहार को ढालना चाहिए तथा समाज में होने वाले विभिन्न प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने का सफल प्रयास करना चाहिए ।
इस अवसर पर गणित एवं सांख्यिकी विभाग के आचार्य प्रोफेसर बी एस वर्मा जी ने बाबा साहब के विचारो पर प्रकाश डालते हुए इस बात को बताया की बाबा साहब ने किस तरह से हाशिए पर रहने वाले लोगो के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। बाबा साहब के विचारों पर प्रकाश डालते हुए पॉलिटिकल साइंस विभाग के प्रोफेसर और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, श्री रजनीकांत पांडे जी ने बताया कि बाबा साहब चाहते थे कि राजनीतिक और संवैधानिक स्वतंत्रता के साथ साथ लोगों को सामाजिक स्वतंत्रता का भी प्राप्त होना अति आवश्यक हैं। साथ ही उन्होंने इस तरफ भी इशारा किया कि हमें बाबा साहब के सपनो को साकार करने के लिए साइंटिफिक टेंपरामेंट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। डीन छात्रकल्याण , प्रोफेसर अनुभूति दुबे जी ने बताया कि बाबा साहब राजनीति में नायकवाद के खिलाफ थे और वे सामाजिक आर्थिक समानता के प्रबल प्रवर्तक थे।
रक्षा अध्ययन विभाग के प्रोफेसर हर्ष सिंह जी ने अपने संबोधन में बताया की बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने किसी एक तबके के लिए काम नही किया है, बल्कि उनका काम सभी के लिए था और उनके योगदान को संकुचित करके नही देखा जाना चाहिए । श्री राजबहादुर गौतम जी ने अपने वक्तव्य में विश्वविद्यालय प्रांगण में तथागत गौतम बुद्ध की उपेक्षित पड़ी प्रतिमा को रेनोवेट करने की मांग विश्वविद्यालय के समक्ष रखी।
अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आलोक गोयल जी ने अपने वक्तव्य में यह बात बताई की कैसे आज बाबा साहब सभी राजनीतिक दलों की राजनीतिक मजबूरी बन गए हैं । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगर बाबा साहब के अर्थ नीति का पूर्णतया पालन किया जाए तो भारत विकासशील देशों की स्थिति से निकलकर विकसित देशों की श्रेणी में आ जाएगा।
इसके उपरांत एससी/एसटी अध्यापक और कर्मचारियों के संघ के अध्यक्ष, प्रोफेसर गोपाल प्रसाद जी ने विस्तारपूर्वक बाबा साहब के व्यक्तित्व ओर कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए सभी उपस्थित आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन अंग्रेजी विभाग के सहायक आचार्य, डॉक्टर बृजेश कुमार जी के द्वारा किया गया l
इस श्रद्धांजलि सभा में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागों के विभागाध्यक्ष, मुख्य नियंता, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, अध्यापकगण, अधिकारी कर्मचारी बंधुओ के साथ-साथ विभिन्न विभागों के शोधार्थी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
What's Your Reaction?
