अवधी पाठशाला द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
नवरात्रि मातृ सत्ता की प्राथमिकता का पवित्र पर्व
अवधी पाठशाला के आभासी पटल पर बुधवार को नवरात्रि के छट्ठे दिन "नवरात्रि पर्व एवं व्रत महिमा" विषयक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकप्रिय लोककवि तथा अवधी, भोजपुरी,पंजाबी आदि बोलियों पर में गाये जाने वाले लोकगीतों के गवेषक व समीक्षक डॉ.राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय जी ने की। श्री पाण्डेय ने लोक परम्परा में पचरा के माध्यम से देवी आराधन के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि के रूप में क्वान्तोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विवेकमणि त्रिपाठी ने मातृ सत्ता की प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए विकसित भारत के अनुष्ठान में नारीशक्ति के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
विशिष्टातिथि के रूप में उपस्थित जापान में "हिन्दी की गूंज" पत्रिका का सम्पादन करने वाली तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अनवरत रत रहने वाली डा. रमा शर्मा ने स्री संवेदना पर मार्मिक काव्य प्रस्तुति देते हुए लोक-मंगल हेतु नारीशक्ति की केन्द्रीय भाव को उपस्थापित किया।
सारस्वत अतिथि के रूप में भोजपुरी व अवधी लोक भाषा विषयक "बोले चिरैया" संस्था के संस्थापक-निर्देशक अरुणतिवारी ने अवधी रचनाओं के माध्यम से भगवती दुर्गा के विविध रूपों को काव्यमय प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को ओजपूर्ण बनाया।
विशिष्ट वक्ता के रूप में महान् कथा व्यास व शिक्षाविद गोरखपुर से डां.अखिलेश शास्त्री ने वेदों एवं उपनिषदों में वर्णित भगवती श्रीदुर्गा की महिमा का वर्णन किया।
विशिष्ट वक्ता डॉ. प्रवीणमणि त्रिपाठी ने भौतिक जगत की चेतना को भगवती श्री दुर्गा की कृपावदान से जोड़ते हुए भगवती की सर्वमयता से लोगों को परिचित कराया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सूत्रधार भाषा व साहित्यविद डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कार्यक्रम संयोजित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. जुगल किशोर शर्मा ने किया। इस अवसर पर सचिव डॉ.शैलेंद्र पांडेय, डॉ.नवीन तिवारी, कृष्णा शर्मा, डॉ. अनूप कुमार पाण्डेय, संदीप मिश्रा, संजय मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?