सहकार भारती ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया।

लखनऊ
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर शनिवार को सहकार भारती उप्र. की लखनऊ शाखा द्वारा विकास भवन लखनऊ के विकासखंड चिनहट के सभागार में सहकारिता के विकास एवं समितियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला कॉपरेटिव बैंक लखनऊ के चेयरमैन विरेन्द्र प्रताप सिंह, सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह, सहकार भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष डीपी पाठक, यूपीसीएलडीएफ के डायरेक्टर हिरेंद्र मिश्रा एवं लखनऊ महानगर अध्यक्ष पीयूष मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर और सहकार भारती के संस्थापक स्व. लक्ष्मणराव इनामदार तथा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर किया।
हर साल जुलाई के प्रथम शनिवार को मनाया जाने वाला अंतराष्ट्रीय सहकारिता दिवस कार्यक्रम डिस्ट्रिक कॉपरेटिव बैंक लखनऊ के चेयरमैन विरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन का उद्देश्य केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से सामाजिक समृद्धि और वृद्धि है। इस माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लोगों को विकास से जोड़कर समृद्ध बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है।
इस कार्यक्रम से हम कुछ संकल्प ले जाकर जनकल्याण में लगाने पर ही आज के कार्यक्रम का उद्देश्य सफल होगा। उन्होंने पूर्व में चर्चा करते हुए कहा कि सहकारिता को भ्रष्टाचार का केन्द्र माना जाता था, 1978 में पुणे में संगठन सहकार भारती की स्थापना हुई थी, ग्रामीण स्तर पर लोगों को विकसित करना इसका मूल मंत्र था, वास्तव में 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2021 में अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाया, मात्र चार साल में सहकारिता विभाग ने भारत ही नहीं अपितु दुनिया में अपनी उपयोगिता व प्रभाव सिद्ध किया है। उन्होंने सहकारी समितियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सहकारिता और ग्राम्य मंत्रालय की बड़ी सहभागिता है, हर बीपैक्स को बिना ब्याज के पहले 10 लाख और वर्तमान में 15 लाख रूपए के सहयोग की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा चुकी है। सहकारिता के विकास के लिए हम लोगों को चाहिए कि समितियों को अपना बैंक खाता सहकारी बैंक में खुलवाएं। विरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश की जीडीपी में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है,उन्होंने बताया कि उप्र. सहकारिता विभाग कई मामलों में अव्वल है, तेजी से सदस्यता बढ़ी है मंडल में एक माह में 33 हजार सदस्य बनाए थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मिलजुल कर कार्य करने को सहकारिता कहते हैं, बिना सहकार के कोई कार्य संपन्न नहीं होता है। भारत में 1904 में सहकारिता एक्ट के रूप में आया है, जबकि सहकारिता भारत की मिट्टी में हमारे खून में रचा बसा है, सहकारिता क्वाडत पर ही 15 वीं सदी तक देश के कोई बेरोजगारी या अशिक्षा नहीं थी। विश्व के कुल उत्पादन का 28 से 30 प्रतिशत भारत करता था। देश सोने की चिड़िया और विश्वगुरु की उपाधि प्राप्त देश था। बाद में देश गुलाम हुआ सहकारिता को समाप्त किया गया आज भी वर्तमान में सहकारिता का कार्य जिस भावना , समर्पण और सबकी सहभागिता के साथ नहीं चल रहा है जिससे देश में बेरोजगारी अशिक्षा समस्या बनी है। सभी समस्याओं का समाधान करने की शक्ति सिर्फ सहकारिता में है। लेकिन सहकारिता को जन आंदोलन बनाना होगा। इसके लिए एक जुट होकर एक दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने विश्व में सतत विकास के 17 लक्ष्य निर्धारित किए हैं जैसे गरीबी उन्मूलन, भूख की समाप्ति, सबके लिए आवास, सभी को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा, सबको गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, पर्यावरण संरक्षण आदि हैं, उक्त लक्ष्यों को पूरा करने में सहकारिता की भूमिका क्या होगी इस पर चर्चा कर कार्य करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का थीम है कि सहकारिताएं बेहतर दुनिया का निर्माण करती हैं। इस थीम को लेकर उत्तर प्रदेश के सभी सहकार बंधुओं को अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर भारत 67 अंक प्राप्त कर 99 वें स्थान पर पहुंचा है। इसके पहले स्थित दयनीय थी, क्योंकि सहकारिता कुछ परिवार तक सीमित थी। इसके पहले प्रदेश उपाध्यक्ष डीपी पाठक ने सहकारिता दिवस के मनाए जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, ।सहकारिता मूवमेंट का बढ़ाने का आहृवान करते हुए सहयोग की अपेक्षा की।
कार्यक्रम का संचालन सहकार भारती लखनऊ के अध्यक्ष विवेक राय ने किया और अंत में सहकार भारती महानगर अध्यक्ष पीयूष मिश्रा ने मंचासीन अतिथियों के साथ ही लखनऊ के विभिन्न ब्लॉक व गांवों से आए समितियों के अध्यक्ष व सचिवों का धन्यवाद ज्ञापित किया, सभी ने एकजुट होकर फोटा खीचवाकर कार्यक्रम को यादगार बनाया।
कार्यक्रम में आईटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय का प्रमुख कृष्ण कुमार ओझा , प्रदेश संपर्क प्रमुख अशोक शुक्ला ,सह संपर्क प्रमुख वीके सिंह ,प्रदेश मंत्री कैलाश निषाद, कोषाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह ,प्रदेश मीडिया प्रमुख सत्येंद्र त्रिपाठी,कार्यालय प्रमुख सतीश दीक्षित, लखनऊ जिला संगठन प्रमुख सत्य पाठक, महानगर महामंत्री विशाल कपूर, लखनऊ महिला प्रमुख संध्या रावत, महानगर महिला प्रमुख विनीता जी, ऋचा जी, केशव ओझा, रोहित यादव, वेद प्रकाश जी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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