'स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट' यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान होनी चाहिए:- मुख्यमंत्री योगी
'स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट' यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान होनी चाहिए:- मुख्यमंत्री योगी
- निवेशकों को मिलेगा रेडी टू यूज इंफ्रास्ट्रक्चर ‘प्लग एंड प्ले’ पर मुख्यमंत्री का फोकस
- फॉर्च्यून 500 नीति के तहत 11 कंपनियों ने 13,610 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए
- विदेशी कंपनियों का यूपी की ओर बढ़ता भरोसा, निवेश प्रस्तावों में निरंतर बढ़ोतरी* *एफडीआई नीति 2023 के तहत 56 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रक्रियाधीन
- चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में आया 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश
लखनऊ(हिन्द भास्कर):- विदेशी निवेश को नई रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने चल रहे प्रयासों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए साफ कहा कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ निवेश की संभावना नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर निवेशक के साथ संवाद लगातार बना रहना चाहिए और किसी भी स्तर पर देरी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि 'स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट' यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ललितपुर फार्मा पार्क को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए कि इससे जुड़े अवसंरचना कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि कई बड़ी दवा कंपनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है, ऐसे में उनसे लगातार संवाद बनाए रखा जाए और भूमि, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं समय पर सुनिश्चित हों। मुख्यमंत्री ने ताइवान डेस्क को लेकर साफ निर्देश दिए कि ताइवान के निवेशकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जाए, केवल रोड शो तक सीमित न रहा जाए।
मुख्यमंत्री ने कोरियाई कंपनियों के लिए भी संवाद और सुविधाकरण को और मजबूत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी विदेशी डेस्क द्वारा नियमित अंतराल पर राउंड टेबल बैठकें होती रहनी चाहिए। उन्होंने इन्वेस्ट यूपी की टीम से कहा कि हर निवेशक के साथ एकल संपर्क बिंदु तय हो, ताकि उसे प्रणाली में भटकना न पड़े। मुख्यमंत्री ने उद्योगों को गति देने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यदि निवेशक को पहले दिन से तैयार अवसंरचना मिलेगी, तो वह तेजी से काम शुरू कर सकेगा और यही मॉडल उत्तर प्रदेश को अन्य राज्यों से आगे ले जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कंपनियों के कॉरपोरेट और मुख्यालय खोलने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को लेकर यह भी निर्देश दिए कि वहां आवश्यक मानव संसाधन की कमी न रहे।
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