दुग्ध समितियों के गठन की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए
दुग्ध समितियों के गठन की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में दुग्ध समितियों के गठन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग एवं ब्राण्डिंग को बेहतर किया जाए और इसके लिए मार्केटिग के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाए। पराग के गुणवत्ता उत्पादों की सर्वसुलभता सुनिश्चित की जाए।
प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए दुग्ध क्षेत्र में पोरर सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए। दुग्ध समितियों का गठन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। समितियों के लक्ष्य निर्धारण को चरणबद्ध रूप से बढ़ाया जाए। पुरानी समितियां बंद न होने पाए, अक्रियाशील समितियों को क्रियाशील किया जाए। किसानों एवं पशुपालको के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाए। आगे उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा दुग्ध समितियों का निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
जहां कहीं कोई कमी या समस्या हो उसका निराकरण किया जाए और शासन को अवगत कराया जाए। दुग्ध मूल्य का भुगतान समय पर कराया जाए। किसानों एवं पशुपालको का हित राज्य सरकार की प्राथमिकता है। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कुल 19,046 निबंधित समितियों के सापेक्ष 7857 समितियां कार्यरत हैं। जिला योजना अंतर्गत 220 दुग्ध समितियों के गठन एवं 450 दुग्ध समितियों का पुर्नगठन कार्य पूर्ण है। औसत दुग्ध उपार्जन प्रतिदिन 404.34 एलकेजीपीडी, गतवर्ष से 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औसत तरल दुग्ध बिक्रय प्रतिदिन 200 एलएलपीडी रहा है।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि मंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। किसानों एवं पशुपालको को दुग्ध मूल्य का भुगतान ससमय किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराग की मार्केटिंग के संबंध में पूरी गंभीरता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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