अहिल्याबाई होल्कर दूरदर्शी महिला थी:राज्यमंत्री संजीव गोंड़

हिन्द भास्कर
सोनभद्र।
पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर के 300 वीं जयन्ती के अवसर पर उनके प्रेरणादायी किये गये कार्याे के जीवन दर्शन पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भाजपा जिला कार्यालय राबर्ट्सगंज पर सम्पन्न हुआ। जिसका उद्घाटन समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड़ व भाजपा जिलाध्यक्ष नन्द लाल व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड़ ने कहा कि न्यायप्रिय प्रशासक, सामाजिक कुरीतियों से जीवन पर्यंत लड़ने वाली नारी सम्मान एवं प्रतिष्ठा की प्रतिक महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवन पर्यंत कार्यों को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से आम जनता को रानी अहिल्याबाई होल्कर जी के कार्यों से अवगत होने का अवसर प्राप्त हुआ है। उनके द्वारा समाज कल्याण के लिए किए गए अनेक अनेक कार्यों को छिपाने का प्रयास पूर्ववर्ती सरकारों ने किया किंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश के समस्त महान विभूतियां के कार्यों को नमन करती है व आम जनमानस तक उनके किए कार्यों जीवन वृतांत को बताती है। उनके जीवन का कण कण पल पल मानव कल्याण के लिए लगा 300 वर्ष पूर्व उन्होंने कुआ, तालाब, बावड़ी बनवाई नारी सम्मान के लिए अनेक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया न्याय प्रियता की प्रतीक बनी अपने जीवन में 26 वर्षों तक का सुशासन का आदर्श प्रस्तुत किया न्याय के लिए अपने पुत्र को भी मृत्यु दंड दिया देशभर में मंदिरों शिवालियों का निर्माण एवं जीणोद्धार कराया नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया बाल विवाह, विधवा विवाह, सती प्रथा जैसी अनेक कुरूतियो के लिए संघर्ष किया महिला पुरुषार्थ के लिए अपनी सेना में महिलाओं की भर्ती कर राष्ट्र की रक्षा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित किया वास्तव में अहिल्याबाई होल्कर दूरदर्शी महिला थी जिनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल ने कहा कि अहिल्या बाई होलकर जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा. उन्होंने अपने ससुर और फिर 22 साल की उम्र में अपने बेटे मालेराव को खो दिया. बेटे के साथ राज्य का पतन न हो जाए, इसके लिए उन्होंने खुद ही प्रशासन संभालना शुरू कर दिया. हालांकि, चूंकि कोई पुरुष राजा नहीं था, अहिल्याबाई ने महिलाओं को उनका उचित स्थान दिलाया. अहिल्या ने लड़कियों की शिक्षा का विस्तार करने का प्रयास किया. निराश्रितों की मदद के लिए काम किया. 1795 में जब उनकी मृत्यु हुई, तो उनके सेनापति तुकोजी ने इंदौर की गद्दी संभाली।
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत, अशोक कुमार मौर्या, कृष्णमुरारी गुप्ता, संतोष शुक्ला, शंम्भू नारायण सिंह, अनूप तिवारी, बृजेश श्रीवास्तव, पुष्पा सिंह, गुडिया त्रिपाठी, कमलेश चौबे, अनिल सिंह, रामबली मौर्या, विनय श्रीवास्तव, नार सिंह पटेल, प्रसन्न पटेल, धनंजय पण्डित, प्रिया सोनकर, ज्योति खरवार, वन्दना वर्मा, रितु अग्रहरी, श्रेया पाण्डेय, रिता गुप्ता, कंचन, शिवम राजपूत, धु्रवकांत द्विवेदी सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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