भारतीय संस्कृति में भगवान राम जैसी व्यापकता किसी और की नहीं
स्वर्गीय राजकुमार तिवारी स्मृति सेवा संस्था गोरखपुर के तत्वाधान में, गोरखनाथ मंदिर स्थित पर्यटक सुविधा केंद्र पर, जन-जन के राम विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा भारतीय जनमानस में व्याप्त भगवान श्री रामचंद्र जी के विविध स्वरूपों पर अपने विचार व्यक्त किए गए। इस अवसर पर बोलते हुए दूरदर्शन केंद्र गोरखपुर के कार्यक्रम अधिशासी मनीष तिवारी ने कहा, कि भगवान राम जैसी व्यापकता भारतीय जनमानस में किसी और की नहीं है। राम चाहे तुलसी के हो, चाहे वाल्मीकि के, चाहे कबीर के, भारतीय जनमानस न सिर्फ उन्हें एक आदर्श के रूप में देखा है बल्कि उन्हें हर क्षण अपने अंदर स्थापित रखता है। इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि श्री बृजकिशोर त्रिपाठी ने कहा कि हमें राम के आदर्श को जन जन तक पहुंच कर, एक अच्छे समाज और एक अच्छे राष्ट्र के निर्माण में अपनी सहभागिता देनी चाहिए। कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत के गायक श्री शशांक शुक्ला द्वारा भगवान श्री राम पर आधारित भजन का गायन किया गया। कार्यक्रम का संचालन दिवाकर चतुर्वेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ आर पी तिवारी, एडवोकेट गौरीश कुमार त्रिपाठी, लोक गायक गोपाल जी पांडे, बेचन प्रसाद गौर इत्यादि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन लोक गायक श्री प्रभाकर शुक्ला द्वारा किया गया।
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