"गौ माता" को मिले "राजमाता" का दर्जा : अशोक कुमार मिश्र

Jul 9, 2025 - 18:25
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"गौ माता" को मिले "राजमाता" का दर्जा : अशोक कुमार मिश्र

                उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही गौ माता को राज्य माता का दर्जा मिलना चाहिए। तुलसीदास जी ने लिखा है कि

"तुलसी वृक्ष ना जानिये। गाय ना जानिये ढोर।। गुरू मनुज ना जानिये। ये तीनों नन्दकिशोर।।" इसलिए गाय को पशु समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। यह साक्षात भगवान के रूप हैं।

 गौ माता को राजमाता का दर्जा देने का मुद्दा विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से समय-समय पर उठता रहा है, पर अब तक गाय को राजमाता का दर्जा आधिकारिक रूप से सिर्फ एक राज्य महाराष्ट्र ने ही दिया है। 30 सितंबर 2024 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देसी गायों को "राज्यमाता–गोमाता" का दर्जा प्रदान किया।

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने 2021 में "गोधन न्याय योजना" शुरू की, जिसमें किसानों से गोबर खरीदा जाता है, लेकिन वहां गाय को राजमाता का औपचारिक दर्जा नहीं मिला। उत्तराखंड में गायों की रक्षा के लिए गौ सेवा आयोग और गौशाला नीति बनाई गई है। वर्ष 2023 में खबरें आई थीं कि उत्तराखंड सरकार गाय को 'राजमाता' का दर्जा देने पर विचार कर रही है, पर घोषणा अभी तक नहीं हुई। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने गौ संवर्धन बोर्ड को सक्रिय किया व 2021 में प्रदेश में गौ कैबिनेट की स्थापना की गई। वहां गो सेवा आयोग भी है, पर गाय को राजमाता का दर्जा आधिकारिक रूप से नहीं दिया गया। उत्तर प्रदेश में "गाय को राष्ट्रीय माता" घोषित करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ, पर अभी तक राज्य स्तर पर 'राजमाता' दर्जा नहीं दिया गया। यहां भी गौ संरक्षण समितियाँ सक्रिय है तथा गो सेवा आयोग भी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गोरक्षपीठ के महंत भी है। गोरक्ष का मतलब गो रक्षा है। मुख्यमंत्री जी गाय की महिमा को ठीक से जानते है और गौसेवा के कई चमत्कार भी देख चुके हैं। गौसेवा आयोग के एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व आश्रम में अचानक आ गए कई मानसिक विक्षिप्त लोगों को उन्होंने गोशाला में गौसेवा में लगा दिया। गौसेवा करते करते लगभग सभी ठीक हो गए। वह सब अभी भी आश्रम की सेवा में हैं।

यूपी में "गौ माता" को राजमाता का दर्जा दिलाने के लिए गौसेवक लालू भाई पिछले कई दशक से संघर्ष कर रहे हैं। लालू भाई करीब 2 साल पहले लखनऊ से वृंदावन चले गए। वहां वह प्रतिदिन वृंदावन की परिक्रमा व बरसाने में राधा रानी की दर्शन कर गौमाता को राजमाता का दर्जा दिलाने की प्रार्थना करते है। गौमाता को राजमाता का दर्जा मिले, इसके लिए वह पिछले कुछ दशक में प्रदेश के एक सौ से अधिक राज नेताओं को ज्ञापन भी दे चुके हैं। ब्रज मंडल के साधु संतों से भी मिल कर वह इसके लिए लगातार प्रार्थना करते रहते हैं। लालू भाई को उम्मीद है कि योगी जी अपने कार्यकाल में ही गौ माता को राजमाता के दर्जा दिला देंगे।

गौ माता को राजमाता का दर्जा दिलाने के प्रयास में कई संस्थाएं लगी हुई है। यूपी सरकार फिलहाल गौशालाओं को आत्मनिर्भर में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोबर, गोमूत्र, दूध, दही और घी से बने पंचगव्य उत्पादों के उत्पादन और विपणन को लेकर व्यापक योजना तैयार की गई है, जिसका कार्यान्वयन जल्द प्रारंभ किया जाएगा। इस योजना से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और स्थानीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में ही गोतस्करी और अवैध बूचड़खानों पर पूरी सख्ती से रोक लगाई। साथ ही निराश्रित गोवंशों के लिए गो आश्रयों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया। अब उनकी मंशा बतौर मॉडल इन्हीं गो आश्रयों के जरिए लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने की है।

अब तक प्रदेश में योगी सरकार 7700 से अधिक गो आश्रय बना चुकी है। इनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश रखे गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब 1 लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए हैं। योजना के तहत हर लाभार्थी को प्रति माह 1500 रुपये भी दिए जाते हैं। सीएम योगी की मंशा के अनुसार गो आश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संबंधित विभाग कृषि विभाग से मिलकर सभी जगहों पर वहां की क्षमता के अनुसार वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाएगा। गोबर और गोमूत्र को प्रसंस्कृत करने के लिए उचित तकनीक की जानकारी देने के बाबत लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पशुपालक गोवंश का पालन करें, इसके लिए सरकार उनको लगातार प्रोत्साहन दे रही है। 25 प्रजाति की देशी नस्ल की गायों के संरक्षण, संवर्धन एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने नायाब पहल की है। इसके लिए शुरू की जाने वाली "नंदनी कृषक समृद्धि योजना" के तहत बैंकों के लोन पर सरकार पशुपालकों को 50% सब्सिडी देगी। इसी क्रम में सरकार ने अमृत धारा योजना भी लागू की है। इसके तहत दो से 10 गाय पालने पर सरकार बैंकों के जरिये 10 लाख रुपये तक अनुदानित ऋण आसान शर्तों पर मुहैया कराएगी। योजना के तहत तीन लाख रुपये तक अनुदान के लिए किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं होगी। प्रस्तुत बजट में सरकार ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके पहले अनुपूरक बजट में भी इस बाबत 1001 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। यही नहीं बड़े गो आश्रय केंद्र के निर्माण की लागत को बढ़ाकर 1.60 करोड़ रुपये कर दिया है। ऐसे 543 गो आश्रय केंद्रों के निर्माण की भी मंजूरी योगी सरकार ने दी है।

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