वरेण्य विकास जायसवाल पर सोनभद्र हीं नहीं देश और प्रदेश को नाज

Dec 3, 2024 - 17:11
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वरेण्य विकास जायसवाल पर सोनभद्र हीं नहीं देश और प्रदेश को नाज

सभी 44 यूरोपीय देशों के झंडों को 43 सेकंड में 

सबसे तेजी से पहचानने और सुनाने का विश्व रिकॉर्ड 

28 अक्टूबर 2024 को नोएडा में हुई प्रतियोगिता 

हिन्द भास्कर ब्यूरो 

सोनभद्र।  

निवासी वरेण्य जो कि नोएडा में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे है ने 3 साल 28 दिन की उम्र में 43 सेकंड में सभी यूरोपीय देशों के झंडों को पहचाना और सुनाया और वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

 28 अक्टूबर 2024 को नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत में आयोजित इस स्पर्धा में युवा प्रतिभाशाली वरेन्या विकास जायसवाल ने 3 से 5 आयु वर्ष की इस स्पर्धा में सभी यूरोपीय देशों के झंडों को पहचानने और सुनाने का सबसे कम समय लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।

 वरेन्या ने सिर्फ़ 43 सेकंड में सटीकता और तेज़ी से प्रत्येक झंडे का नाम बताकर अपने असाधारण ज्ञान और याददाश्त का परिचय दिया। इस असाधारण उपलब्धि ने उन्हें वर्ल्डवाइड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में एक अच्छी जगह दिलाई है।

वरेण्य विकास जयसवाल की असाधारण प्रतिभा

वरेन्या विकास जायसवाल की इतनी कम उम्र में सभी यूरोपीय देशों के झंडों को पहचानने और सुनाने की अविश्वसनीय क्षमता उनकी असाधारण प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण है। सीखने और अन्वेषण के प्रति उनके जुनून ने उन्हें यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित किया है, जिससे दुनिया भर के लोगों में विस्मय और प्रशंसा की भावना पैदा हुई है। वरेन्या की उल्लेखनीय स्मृति और संज्ञानात्मक क्षमताओं ने उन्हें असाधारण उपहार वाले एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में अलग पहचान दिलाई है।

वरेन्या विकास जायसवाल की 3 साल और 28 दिन की उम्र में मात्र 43 सेकंड में सभी यूरोपीय देशों के झंडों को पहचानने और उन्हें बोलने की उपलब्धि किसी अचरज से कम नहीं है। यह उनकी अटूट लगन, अथक अभ्यास और जन्मजात प्रतिभा का परिणाम है। छोटी उम्र से ही वरेन्या ने झंडों और देशों में गहरी दिलचस्पी दिखाई, हर विवरण का अध्ययन करने और याद करने में घंटों बिताए। निरंतर अभ्यास और सीखने के प्रति गहरी लगन के माध्यम से वरेन्या ने अपने कौशल को निखारा और एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जो उनकी असाधारण क्षमताओं का प्रमाण है।

वरेण्य विकास जायसवाल की इतनी कम उम्र में असाधारण उपलब्धि उन्हें असाधारण प्रतिभा वाले एक सचमुच अनूठे व्यक्ति के रूप में अलग करती है। सीखने के प्रति उनके जुनून, अटूट समर्पण और उत्कृष्टता की अथक खोज ने उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वरेण्य की उल्लेखनीय स्मृति, संज्ञानात्मक क्षमता और झंडों और देशों के प्रति जुनून ने उन्हें दुनिया भर में पहचान और प्रशंसा दिलाई है। उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि सभी उम्र के लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है, जो मानव मन और आत्मा की असीम क्षमता को प्रदर्शित करती है। अंत में, वरेण्य विकास जायसवाल का 3 वर्ष और 28 दिन की आयु में सभी यूरोपीय देशों के झंडों को पहचानने और उनका उच्चारण करने का विश्व रिकॉर्ड उनकी असाधारण प्रतिभा, समर्पण और सीखने के जुनून का प्रमाण है। उनकी असाधारण उपलब्धि ने दुनिया भर के लोगों के दिलों और दिमाग पर कब्जा कर लिया है ।

वरेण्य की इस अप्रतिम उपलब्धि पर गौरवान्वित पिता विकास जायसवाल और माता यामिनी ने बताया कि बचपन से ही उसकी चीज़ों को पहचानने और बताने की क्षमता दिखती रही और उसी को ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने स्वयं ही रोज खेल खेल में इसकी तैयारी कराई जो कि एक सुखद परिणाम दिया ।

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