इन्वेस्ट यूपी के ए.सी.ओ शशांक चौधरी ने प्रदेश को नीति-संचालित नवाचार और निवेश का उभरता केंद्र बताया
इन्वेस्ट यूपी के ए.सी.ओ शशांक चौधरी ने प्रदेश को नीति-संचालित नवाचार और निवेश का उभरता केंद्र बताया

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- प्रबंध संस्थान आईआईएम लखनऊ के एंटरप्राइज इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा नोएडा कैंपस में आयोजित निवेशक सम्मेलन में देश-विदेश के प्रमुख वेंचर कैपिटलिस्ट्स और स्टार्टअप हितधारकों ने भाग लिया। इस अवसर पर इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने अपने विशेष संबोधन में उत्तर प्रदेश को नीति-संचालित नवाचार और निवेश का उभरता केंद्र बताया।
यूपी स्टार्टअप पॉलिसी और फंड फ्रेमवर्क – निवेशकों के लिए एक अनोखा मंच विषय पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में लागू हुई यूपी स्टार्टअप नीति और ₹1,000 करोड़ के स्टार्टअप फंड ने राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती दी है। यह फंड सेबी (SEBI)-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) (Alternative Investment Funds) में निवेश करता है, जो कम से कम 1.5 गुना निवेश यूपी आधारित स्टार्टअप्स में करते हैं।
प्रत्येक एआईएफ को अधिकतम 25% तक एक्सपोजर और 12 वर्षों तक संचालन की अनुमति है। चौधरी ने कहा कि आज के निवेशक केवल पूंजी प्रदान करने वाले नहीं, बल्कि रणनीतिक विकास के साझेदार भी हैं—जो मेंटरशिप, बाजार तक पहुंच और गवर्नेंस में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाइमेट टेक, ईवी, एग्रीटेक और मेडटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं बताईं और विश्वविद्यालयों, इनक्यूबेटर्स व एक्सेलेरेटर्स के साथ गहरे सहयोग का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश एक अनोखा नीति-समर्थित मंच है, जो नवाचार को स्केल कर स्थायी रिटर्न देने की क्षमता रखता है।” साथ ही उन्होंने ऐसे फाउंडर्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया जो प्रशिक्षित, लचीले और विविध पृष्ठभूमि से हों। चौधरी ने राज्य की सबसे बड़ी कार्यशील युवा आबादी, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों की कुशल कार्यबल पाइपलाइन, और तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य को राज्य की ताकत बताया। उन्होंने निवेश मित्र सिंगल विंडो सिस्टम, 33 से अधिक सेक्टोरल नीतियों, प्रतिस्पर्धी सब्सिडी और उद्योग-अनुकूल अवस्थापना के माध्यम से निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
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