स्वर आराधन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की खजनी में रही धूम
मंत्रमुग्ध सी रही दर्शक दीर्घा, पूरे समय किया रचनाओं का आस्वादन।
हिन्द भास्कर, गोरखपुर।
द्रौपदी देवी महाविद्यालय खजनी-गोरखपुर में लब्धप्रतिष्ठ कवयित्री प्रतिभा गुप्ता के संयोजकत्व एवं डॉ० राम कृपाल राय गीतकार की अध्यक्षता में स्वर आराधन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित खजनी की ब्लाक प्रमुख अंशु सिंह,विशिष्ट अतिथि अतंरराष्ट्रीय लोकगायक राकेश श्रीवास्तव तथा कार्यक्रम अध्यक्ष डा. आर. के. राय एवं संयोजिका कवयित्री प्रतिभा सहित उपस्थित अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वालन कर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया ।
स्वागत स्वरूप अतिथियों और कवियों का माल्यार्पण कर बैज से अलंकृत करते हुए अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनको सम्मानित भी किया गया।
प्रसिद्ध कवयित्री सत्यमवदा शर्मा ने मां सरस्वती की वन्दना से कार्यक्रम का आरंभ किया तो वहीं उन्होंने मातृभूमि पर भी रचना प्रस्तुत किया।
बहुचर्चित ग़ज़ल कार प्रदीप मिश्र ने
किसी के वास्ते ही मुद्दतों एक घर रहा हूं मैं।
इमारत हो सलामत नींव के अंदर रहा हूं मैं ।।
मैं पत्थर हूं मगर उसने भी मुझे कह दिया पत्थर,
की खुद ही जिसके लिए पत्थर रहा हूं मैं।।- जैसी रचनाओं को प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तो वहीं हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध रचनाकार बादशाह प्रेमी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सभी को हंसने पर विवश कर दिया। लखनऊ से पधारे वीर रस के कवि प्रमोद द्विवेदी ने अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस की कविताएं प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं।
कवयित्री डॉ ०चेतना पाण्डेय की कविता - पलट कर आईना क्यों कर सिंगार करने लगी। जाने किस-किस पर कैसे ऐतबार करने लगी। मैं ने इस जिंदगी के वास्ते क्या-क्या न किया? मुझी से जिंदगी नखरे हजार करने लगी। तथा आजके नेताओं पर कविता पढ़कर खूब वाहवाही लूटी। गीतकार विनोद उपाध्याय ने मुहब्बत के गजल सुनाकर लोगों में शमां बाध दिए।
राम किशोर तिवारी की रचनाओं ने लोगों को विचार करने पर विवश किया तो डॉ राम कृपाल राय के गीतों की खूब सराहना हुई।
इस अवसर पर डॉ आर डी एन श्रीवास्तव की गरिमामय उपस्थिति में विनोद उपाध्याय बस्ती, सत्यनारायण पाण्डेय भीटी खोरिया,अमिताभ पाण्डेय छंद की रचनाएं भी खूब सराही गईं।
औपचारिक कार्यक्रमों का संचालन अमिताभ पाण्डेय ने किया तो वहीं कवि सम्मेलन का संचालन कवि सम्मेलनों के लोकप्रिय संचालक रामकिशोर तिवारी ने किया।
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