मंडलीय अस्पताल में डोनेट किए गए ब्लड का पूरा हिसाब रखा जाए

Dec 30, 2024 - 15:31
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मंडलीय अस्पताल में डोनेट किए गए ब्लड का पूरा हिसाब रखा जाए

पत्रकारों की शिकायत पर आयुक्त का निर्देश, जनता का टेलीफोन रिसीव करने का भी आदेश

पत्रकारों के 12 सूत्रीय ज्ञापन पर कमिश्नर का त्वरित एक्शन

हिन्द भास्कर 

मिर्जापुर। 

विंध्याचल मंडल आयुक्त डॉ मुथुकुमार स्वामी बी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 12सूत्रीय ज्ञापन देने आए पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल के सुझावों में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से कहा कि अस्पताल में डोनेट किए गए ब्लड का लेखा-जोखा सही ढंग से रखा जाए। पत्रकारों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा जनता से संवाद न करने एवं टेलीफोन रिसीभ न करने के प्रकरण पर तत्काल कॉलेज के प्रिंसिपल को निर्देश दिया कि वे जब तक जनता से सम्पर्क नहीं रखेंगे तब तक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के संबन्ध में पूरा फीड बैक उन्हें नहीं मिल सकेगा। इसलिए वे जनता के फोन को रिसीभ करें एवं समस्याओं का निराकरण करें।

   भारी संख्या में सोमवार को ज्ञापन देने आए पत्रकारों से उन्होंने कहा कि जनशिकायतों को वे प्रकाशित करने के पहले सम्बंधित विभाग की भी राय जान लें। यह बात उन्होंने मिड-डे-मील योजना में एक छात्र की पिटाई के मामले में कहीं। आयुक्त के सुझाव पर पत्रकारों ने कहा कि ज्यादातर मामलों में विभाग के ही लोग प्रतिक्रिया देने से बचते हैं, इसलिए समस्या उत्पन्न होती है।

    मंडलीय अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी और फोन नम्बर बाहर बोर्ड पर अंकित करने की मांग की गई तथा आयुक्त को बताया गया कि प्रायः रात्रिकालीन ड्यूटी में डॉक्टर या तो रहते नहीं या सोते रहते हैं। जिस पर आयुक्त ने प्रिंसिपल को फोन कर कहा कि डॉक्टर को अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहना चाहिए, भले मरीज हों या न हों।

    पत्रकारों की मांग में सरकार एवं जनता के बीच समन्वय एवं संदेशों का आदान-प्रदान करने वाले जिले के समस्त पत्रकारों का आयुष्मान कार्ड एक विशेष कैम्प लगाकर बनाए जाने, मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन आउटडोर में बैठने तथा ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की सूची अस्पताल के बाहर लगाने तथा उनका फोन नम्बर उसमें अंकित करने, जांच की मशीनें काम नहीं करने एवं मरीजों को बाहर जांच के लिए बाध्य होने की शिकायत की गई जिसके तहत सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों में जाने के लिए बाध्य होना पड़ता है।

     प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मंडलीय अस्पताल के कतिपय डॉक्टर ऑपरेशन के लिए आयुष्मान कार्ड पर इलाज से इनकार करते हैं तथा ऑपरेशन के लिए कुछ डॉक्टर अस्पताल के बाहर दो-तीन निश्चित दुकान से ही दवा लेने एवं अन्य उपकरण खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इस संबन्ध में डॉक्टरों के टेलीफोन के काल रिकार्ड की जांच करने की भी मांग की गई।

   इसी के साथ प्राइवेट चिकित्सकों द्वारा मनमानी फीस लेने तथा हर दिन उन्हें रिपोर्ट देने गए मरीज से पुनः फीस लेने की शिकायत शामिल है। इनके यहां लगे सीसी टीवी को चेक करने एवं इनकमटैक्स बचाने हेराफेरी की जानकारी दी गई तथा इन चिकित्सकों की फीस निर्धारित कर इलाज- संहिता बनाई जाने का सुझाव दिया गया।

     इसके अतिरिक्त सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में जन्म लेने वाले शिशुओं का स्वतः जन्म प्रमाण पत्र संबंधित अस्पताल से देने की मांग के अलावा, जिले एवं नगर की कुछ दुकानों पर बाहर से डॉक्टर आकर मरीजों के इलाज के नाम पर भारी भरकम फीस लेने तथा संबंधित दुकान से महंगी दवा खरीदने के लिए बाध्य करने की शिकायत की गई। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओंके लिए अपर आयुक्त/अपर जिलाधिकारी स्तर पर नोडल ऑफिसर नियुक्त करने की भी मांग की गई।

     ज्ञापन सौंपने वालों में सलिल पाण्डेय, संतोष कुमार श्रीवास्तव, विश्वजीत दुबे, राजकुमार उपाध्याय, नितिन अवस्थी, रोहित गुरु त्रिपाठी, रविन्द्र कुमार जायसवाल, विकास तिवारी, गुड्डू खान, शिव कुमार शुक्ल, गुफरान अहमद, चक्रम द्विवेदी, बसंत गुप्ता, मोहित गुप्ता, पवन पाण्डेय, सेराज अहमद, संदीप शर्मा, टीपू सुल्तान, जितेन्द्र कुमार गौतम, शशि गुप्ता, निलेश दुबे एवं शिवम् मालवीय आदि पत्रकार मौजूद रहें।

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