महामहिम की प्रेरणा बनी विश्वविद्यालयों के अच्छे नैक ग्रेड का आधार: कुलपति

Sep 7, 2024 - 20:31
Sep 7, 2024 - 20:37
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महामहिम की प्रेरणा बनी विश्वविद्यालयों के अच्छे नैक ग्रेड का आधार: कुलपति

नैक मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन के लिए राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालयों की मेंटरिंग करेंगे विश्वविद्यालय के शिक्षक

दिनांक: 07-09-2024

हिन्द भास्कर, गोरखपुर।

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में  कुलपति प्रो पूनम टंडन की अध्यक्षता में राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालय के प्राचार्यों एवं नैक समन्वयकों की द्विआधारीय मान्यता से संबंधित कार्यशाला का आयोजन आईक्यूएसी द्वारा किया गया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो पूनम टंडन ने बताया कि महामहिम राज्यपाल की प्रेरणा और मार्गदर्शन का परिणाम  उत्तर प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के नैक द्वारा प्राप्त उच्च ग्रेड में परिलक्षित होता है। कुलपति ने कहा कि महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन में सहायता प्रदान करने के लिए राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालय को मेन्टर के रूप में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को नामित किया गया है।

कार्यशाला का आरम्भ क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर अश्विनी कुमार मिश्रा के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने नैक द्वारा प्रस्तावित की गई सरल किंतु सख्त मूल्यांकन प्रणाली से महाविद्यालयों को मूल्यांकित करने के लिए प्रेरित किया। मूल्यांकन के संबंध में आने वाली प्रशासनिक कठिनाइयों को शासन स्तर पर दूर करने का आश्वासन उनके द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य को दिया गया।

आईक्यूएसी के निदेशक प्रो सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने प्रस्तावित द्विआधारीय मूल्यांकन पद्धति की आवश्यकता और पुराने मूल्यांकन की चुनौतियों से निपटने के लिए की गई व्यवस्था से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किसी भी मूल्यांकन की उच्च शिक्षा में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। पुराने मूल्यांकन में अच्छे ग्रेड न मिलने का डर, बहुत सारे मैट्रिक्स का होना, प्रक्रिया में लगने वाला लंबा समय एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच होने वाली अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा को दूर करने के प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाइनरी प्रत्यानन से सरकार अधिक से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन करना चाहती है। मूल्यांकन के सरलीकरण प्रक्रिया को बताते हुए उन्होंने अवगत कराया कि पूर्ण प्रक्रिया में जो 121 मैट्रिक्स थी उनको महाविद्यालयों के लिए मात्र 44 मैट्रिक्स में समाहित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने नई प्रणाली के 10 अटरीब्यूट्स और उनके अंतर्गत आने वाली समस्त मैट्रिक्स की विस्तार से जानकारी प्रदान की। 

मेंटर नियुक्त किए गए विश्व विद्यालय के शिक्षक

कुलपति ने बताया कि मेंटर हर स्तर पर मूल्यांकन की प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करेंगे। कुलपति ने प्रो गौर हरी बेहरा एवं प्रो सुधीर कुमार श्रीवास्तव को पांच पांच महाविद्यालय का मेंटर बनाया है। इसके साथ ही डॉ विस्मिता पालीवाल एवं डॉक्टर एमपी सिंह को चार चार महाविद्यालयों तथा डॉक्टर प्रीति गुप्ता, डॉक्टर कुसुम रावत, डॉक्टर राजेश कुमार डॉ मनिंदर कुमार, डॉक्टर वीरेंद्र मधुकर को दो दो महाविद्यालयों की जिम्मेदारी सौंपी ।

महाविद्यालय प्राचार्य के प्रतिनिधि के रूप में डॉक्टर राकेश पांडे, नेशनल पीजी कॉलेज बड़हलगंज ने कुलपति का स्वागत किया। शासन की ओर से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने माननीय कुलपति का आभार ज्ञापन किया कि उनके द्वारा इस तरह के कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालयों के लिए किया गया और आशा व्यक्त की कि यह आयोजन क्रमशः चलते रहेंगे। आईक्यूएसी के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर गौर हरी बेहरा ने समस्त प्राचार्यों,उच्च शिक्षा अधिकारी और कार्यशाला के आयोजन में प्रमुख रूप से सहयोग करने वाले  रोहित शर्मा , आदित्य चौधरी एवं सिद्धार्थ त्रिपाठी के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यशाला में समस्त 9 राजकीय महाविद्यालयों एवं 20 अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं आईक्यूएसी समन्वयकों ने प्रतिभाग किया।

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