कुलपति ने किया अंग्रेजी विभाग की 'लिटरेरी वाल'का अनावरण; बनेगा रचनात्मकता और प्रेरणा का केंद्र

हिन्द भास्कर।
गोरखपुर, 17 फरवरी।
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में ‘लिटरेरी वाल’ का भव्य अनावरण कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा किया गया। विभाग के शोधार्थियों ने इस दीवार को साहित्यिक उद्धरणों, प्रतीकों और कलात्मक अभिव्यक्तियों से सजाया है, जिससे यह केवल एक चित्रकृति नहीं, बल्कि ज्ञान और प्रेरणा का प्रतीक बन गई है। कुलपति ने इसे सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के लिए एक आकर्षक सेल्फी प्वाइंट भी बनेगी, जहाँ वे साहित्य और कला के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस अवसर पर कहा कि शोध कार्य बौद्धिक खोज का आधार है, लेकिन जब विद्यार्थी अपनी रचनात्मकता और कला का उपयोग कर विभाग और विश्वविद्यालय के लिए योगदान देते हैं, तो यह वास्तव में प्रशंसनीय हो जाता है। वे पेशेवर चित्रकार नहीं हैं, फिर भी उनकी यह कलाकृति अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणादायक है।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. पूनम टंडन और अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल द्वारा ‘लिटरेरी वाल’ के अनावरण से हुई। विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने कहा कि यह आयोजन विश्वविद्यालय के 75 गौरवशाली वर्षों के उत्सव का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य “माई कैंपस, माई प्राइड, माई रिस्पॉन्सिबिलिटी” को बढ़ावा देना है। इसी सोच के साथ शोधार्थियों ने विभाग में एक पौधा गोद लिया है और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी ली है।
इस ‘लिटरेरी वाल’ पर प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक लेखकों के प्रेरणादायक उद्धरण अंकित किए गए हैं। इसके साथ ही, दीवार पर एक विशाल साहित्यिक वृक्ष चित्रित किया गया है, जिसकी शाखाओं पर विश्वप्रसिद्ध साहित्यकारों के विचार लिखे गए हैं। इस पेड़ के नीचे एक बालक और बालिका अध्ययनरत हैं, जो यह संदेश देता है कि डिजिटल युग में भी पुस्तक पठन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इस रचनात्मक पहल में योगदान देने वाले शोधार्थियों को सम्मानित करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए और उनके कार्य की सराहना की।
इस आयोजन ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और सृजनात्मक वातावरण को और अधिक समृद्ध किया है, जिससे विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा निखारने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। यह ‘लिटरेरी वाल’ न केवल विश्वविद्यालय की ज्ञान-परंपरा और विरासत को दर्शाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को साहित्य और अध्ययन के प्रति जागरूक करती रहेगी।इस मौके पर पी जी विद्यार्थियों के साथ साथ विभाग के शिक्षकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे .
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