खादी प्रदर्शनी में 'बाप बड़ा न भइया सबसे बड़ा रुपइया' नाटक का हुआ मंचन

Dec 3, 2024 - 22:29
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खादी प्रदर्शनी में 'बाप बड़ा न भइया सबसे बड़ा रुपइया' नाटक का हुआ मंचन

गोरखपुर। 15 दिवसीय मण्डल स्तरीय खादी तथा ग्रामोद्योग प्रदर्शनी गोरखपुर 30 नवम्बर 2024 से 14 दिसम्बर 2024 तक चम्पा देवी पार्क-गोरखपुर में आयोजित है। प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के अचार मुरब्बा, सीतापुर के दरी, भदोही के कालीन, जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट, उत्तराखण्ड के सदरी जैकेट, भागलपुर बिहार के सिल्क, पटियाला के तिल्ला जुती, कन्नौज के धूप बत्ती, लखनऊ के चिकन इम्ब्राइडरी, राजस्थान (बीकानेर) के पापड़, बड़ी, भुजिया, नमकीन, इटावा के चूर्ण, कानपुर के लेदर, सहारनपुर का फर्नीचर घरेलू वस्तुएं एवं अन्य ग्रामोद्योगी उत्पाद के अतिरिक्त माटीकला के अन्तर्गत उत्पादित वस्तुए व अन्य राज्यों जनपदों से आये हुए उत्पाद रियायती दर पर उपलब्ध है।

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में चौथे दिन मंगलवार को मंडल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में सांस्कृतिक संगम सलेमपुर की ओर से नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के सौजन्य से मानवेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में नाटक बाप बड़ा न भईया सबसे बड़ा रुपया का मंचन चंपा देवी पार्क रामगढ़ ताल गोरखपुर में किया गया। विभिन्न भूमिकाओं में नाटक के कलाकारों ने अपनी उल्लेखनीय भूमिका से दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। नाटक के कथानक में धन दौलत के लालच में व्यक्ति मानवीय संवेदना को तार तार करता नजर आता है। जानवरों से भी बद्तर मनोवृति दिनों दिन मनुष्यता की पहचान बनती जा रही है। गांव के दो जमींदारों की कहानी। जो एक अजनबी लाश को अपने-अपने खेत में होने से इनकार करते हैं। लेकिन जब पता चलता है उस लाश के नाम एक बड़ी धनराशि जुड़ी हुई है। तो इस लाश को महापुरुष की लाश तक कहने से नहीं चूकते हैं। पैसे के लोभी समाज के ऐसे लोग मानवता एवं मनुष्यता की हर सीमा को लांघकर सारे रिश्ते-नाते, मनुष्यता और मानवता को कलंकित कर रहे हैं। आज के वर्तमान सामाजिक स्थिति को देखते हुए नाटक व्यंग के माध्यम से समाज को एक बड़ा मैसेज देता है। इस नाटक में मल्लू नाम का पियक्कड़ जो समाज में बदनाम है। लेकिन उसके अंदर मानवीय गुण आज भी विद्यमान है। वह चरित्र समाज के लिए आईना है। ऐसे समसामयिक, शिक्षाप्रद विषय से सजा यह नाटक समाज को एक बड़ा संदेश देता है। नाटक में मल्लू शराबी-पारितोष कुमार, जमींदार 1, नवनीत जायसवाल, जमींदार 2, मनीष श्रीवास्तव, अलोपी (लटैत 1), राधेश्याम गुप्ता, रमई (लटैत 2), सनी सिंह, सोनू (ग्रामीण), विजय सिंह, शहरी युवक गोपाल, अनिल गौर, लाश-पंकज कुमार, गंगा राधेश्याम की भूमिका में रहे जबकि मेक अप राधेश्याम का रहा। मंच संचालन नवीन पाण्डेय ने किया। नाटक के समापन पर परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ए0के0 पाल ने कलाकारों को सम्मानित किया और नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के चेयरमैन नवीन पाण्डेय ने आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रदर्शनी में तीन दिनों में 16.50 लाख की बिक्री हो चुकी है।

प्रदर्शनी में प्रतिदिन गीत संगीत का कार्यक्रम होता रहेगा। आप लोग इन कलाकारों के कार्यक्रम का लुफ्त उठायें। खादी बोर्ड की तरफ से श्री प्रमोद श्रीवास्तव, श्री मार्कण्डेय सिंह, श्री विजय कुमार, श्री शिवेन्द्र सिंह, आरिफ समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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