दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन 71 लोगों के साथ हुए थे शहीद

Jul 17, 2024 - 22:49
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दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन 71 लोगों के साथ हुए थे शहीद

 दसवीं मुहर्रम के शाही जुलूस इमामबाड़ा स्टेट का इंडियन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन के किया स्वागत।

इमामबाड़ा स्टेट का रिवाती मुहर्रम की दसवीं का जुलूस के साथ अदनान जुलूस निकला जिसका स्वागत इंडियन हुमन राइट के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रजी, प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव शहाब हुसैन, संरक्षक प्रोफेसर डॉ रहमत अली ,उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष अहमद नदीम खान, प्रदेश उपाध्यक्ष अकरम लारी, महानगर अध्यक्ष अनिल जायसवाल,राजू शर्मा,एडवोकेट सुशील शर्मा, महानगर उपाध्यक्ष वसीम खान, महानगर उपाध्यक्ष अंजुम तारिक, महानगर उपाध्यक्ष डॉ राशिद,महानगर उपाध्यक्ष डॉक्टर तबरेज, महानगर मेंहदी हसन ,महानगर उपाध्यक्ष बदरुल हक ,विकास कुमार, एडवोकेट मजहर अली, मीडिया इंचार्ज तनवीर आलम फैसल हुसेन आदि ने पुष्प वर्षा कर व माला पहनाकर स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सदर अदनान साहब के हाथों कबूतर उड़ाकर शान्ति का संदेश दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि10वीं मुहर्रम को इमाम हुसैन समेत 71 साथी शहीद हुए थे उसी की याद में हम लोग जुलूस निकाल कर इमाम हुसैन के प्रति अपने जज्बातों को व्यक्त करते हैं। हजरत इमाम हुसैन व उनके साथियों ने मजहबे इस्लाम की खातिर कर्बला के मैदान में शहादत दी। उनकी शहादत ने इस्लाम और इंसानियत को बुलंदी अता की। राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव शहाब हुसैन ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम है, जिसे मुहर्रम-उल-हराम के नाम से भी जानते हैं. यह इस्लाम के चार पाक महीनों में से एक है. मुहर्रम पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत का महीना है.। प्रदेश उपाध्यक्ष अहमद नदीम ने बताया कि उनके पिता मरहूम ईशा खान जो राष्ट्रपति पदक से सम्मानित थे । उनके जीवनकाल के हमारे निवास से हर साल इमामबाड़ा स्टेट के सज्जादानशीन के रिवाती जूलूस का स्वागत होता चला आ रहा है। मोहर्रम कसाई जुलूस अपनी सानू शौकत के साथ परम भक्त तरीके से इमामबाड़ा स्टेट के पश्चिम पाठक से शुरू होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ वापस इमामबाड़ा स्टेट पहुंचता है इस दौरान शहर के कई इलाकों में जुलूस का स्वागत किया जाता है इसमें से मौजूद लोगों ने ढोल ताशा से की धुन पर झूमते नजर आते हैं। शाही जुलूस अपने शानो शौकत के साथ हर साल स्टेट का परचम के साथ शहनाई की धुन बजाता चलता है।

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