राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी)2020 और सेमेस्टर प्रणाली: शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन का साधन
प्रो. आशीष श्रीवास्तव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी, लचीला, और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। यह नीति शिक्षा को जीवन और करियर के लिए तैयार करने का एक साधन मानती है, जिसमें सीखने की प्रक्रिया केवल परीक्षा पास करने तक सीमित न रहकर व्यावहारिक और समग्र विकास को बढ़ावा देती है। एनईपी 2020 बहुविषयक और छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है, जो छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार सीखने की स्वतंत्रता प्रदान करती है। इस संदर्भ में, सेमेस्टर प्रणाली एनईपी 2020 के उद्देश्यों को साकार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सेमेस्टर प्रणाली शिक्षा के पारंपरिक वार्षिक मॉडल से अलग, अकादमिक वर्ष को दो या अधिक भागों (सेमेस्टर) में विभाजित करती है। यह संरचना छात्रों की प्रगति का सतत और व्यवस्थित मूल्यांकन सुनिश्चित करती है। इस प्रणाली के तहत, पाठ्यक्रम को क्रेडिट-आधारित प्रणाली (CBCS) में विभाजित किया जाता है, जिसमें आंतरिक और बाहरी मूल्यांकन दोनों शामिल होते हैं। छात्रों की असाइनमेंट, परियोजनाओं, कक्षा की गतिविधियों और सेमेस्टर परीक्षाओं के माध्यम से उनकी शैक्षणिक और व्यावहारिक प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है।
यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के अनुसार, सेमेस्टर प्रणाली समय की मांग है और यह शिक्षा को प्रभावी और लचीला बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली छात्रों को उनकी सीखने की गति और समझ के अनुसार प्रगति करने का अवसर प्रदान करती है। इसके अलावा, यह बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा देती है, जो छात्रों को विविध विषयों का अध्ययन करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर तैयार होने में सक्षम बनाती है। सेमेस्टर प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने में अंतर-विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र (IUCTE) की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह केंद्र शिक्षक शिक्षा को उन्नत बनाने के लिए अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करता है। शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षित कर, यह संस्थान सेमेस्टर प्रणाली के तहत सतत मूल्यांकन और बहुविषयक शिक्षण को सफलतापूर्वक लागू करने में सहायता प्रदान करता है। IUCTE पाठ्यक्रम निर्माण, मूल्यांकन प्रक्रियाओं और शिक्षण विधियों को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यूजीसी की पहल जैसे त्वरित डिग्री कार्यक्रम (Accelerated Degree Programs - ADP) और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (Extended Degree Programs - EDP) छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करते हैं। ये कार्यक्रम छात्रों को उनकी जरूरतों के अनुसार अपनी डिग्री समय से पहले या बाद में पूरी करने का अवसर देते हैं। इस प्रकार, शिक्षा को व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा रहा है। हालांकि, सेमेस्टर प्रणाली के समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं। शिक्षकों और छात्रों पर पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने का दबाव, प्रशासनिक बोझ, और छात्रों पर लगातार मूल्यांकन का तनाव प्रमुख समस्याएं हैं। लेकिन, अंतर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र (IUCTE) के प्रयास इन बाधाओं को दूर करने में सहायक साबित हो रहे हैं। सेमेस्टर प्रणाली छात्रों के सीखने के अनुभव को गहराई और व्यवस्थितता प्रदान करती है। यह शिक्षकों और प्रशासन के लिए शिक्षा के प्रबंधन को सरल बनाती है और छात्रों को लचीला, बहुमुखी, और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है। एनईपी 2020 के तहत, यह प्रणाली भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और शिक्षा को अधिक प्रासंगिक, प्रभावी, और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
(लेखक महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के पूर्व आचार्य तथा वर्तमान में यूजीसी के अंतर-विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र, वाराणसी में संकायाध्यक्ष, शैक्षणिक और शोध हैं)
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