हिंदी व भारतीय भाषाओं के लिए जन जागरण जरूरी -दीपक मिश्र

Jan 10, 2025 - 19:08
 0  11
हिंदी व भारतीय भाषाओं के लिए जन जागरण जरूरी -दीपक मिश्र

लखनऊ,हिन्द भास्कर।

विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ऑनलाइन संवाद ( वेबनॉर) को संबोधित करने हुए संयुक्त राष्ट्र हिंदी जन अभियान के अध्यक्ष व समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने कहा कि अंग्रेजी एवं मंदारिन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा के बावजूद हिंदी का संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा के दर्जा से वंचित होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है । लंबे संघर्ष के बाद यूएनओ हिंदी में ट्वीटर, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर आया लेकिन हिंदी आधिकारिक भाषा का महत्व देने की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाया गया । हमारे और हिंदी सेवियों के प्रत्यावेदन भारत सरकार और यूएनओ की निष्क्रिय फाइलों के दस्तावेज बन कर रह गए हैं । दीपक ने बताया कि हिंदी के पक्ष में भारतवंशियों और हिंदी भाषियों के सहयोग से

वैश्विक हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा जिसके लिए संचालन समिति का गठन कर कर लिया गया । दीपक ने बताया कि हिंदी जन भाषा है , सरकारों के उदासीन दृष्टिकोणों के उपरांत भी पल - प्रति - पल सशक्त हो रही है । त्रिपुरा और तेलंगाना यात्राओं का हवाला देते हुए दीपक ने कहा कि भारत में गैर हिंदी भाषी लोग हिंदी को राष्ट्रप्रेम की भावना के कारण मजबूत कर रहे हैं । सिनेमा और साहित्य ने भारतीय भाषाओं में एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । राजनीतिक और सामाजिक संगठन अपना कार्य ठीक नहीं कर पा रहे हैं । अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हिन्दी और भारत की एक समान स्थिति अवमानजनक स्थिति है । भारत आबादी के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा देश और पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है, फिर भी सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं है । संगोष्ठी में संकल्प लिया गया कि इन सवालों पर व्यापक विमर्श चलाया जाएगा तभी भारत सरकार और यूएनओ प्रशासन जागेगा, दोनों कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं । संगोष्ठी में तिब्बत के सांसद दाबा क्षीरिंग, नेपाल के पूर्व मंत्री बीरेंद्र, अरब अमीरात के मोहम्मद आलिम , इंग्लैंड के जॉन ग्रुमित, नार्वे के एस सुरेश, श्री लंका के के इंद्रजीत, मॉरीशस के शिवचन , हिंदी शिक्षक मंच के अध्यक्ष प्रो दीपक राय समेत कई हिन्दीजन और बुद्धिजीवियों ने सहभाग किया ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow