पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सत्यव्रत तिवारी ने राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

मेहनत और अनुशासन से मिली है सफलता: सत्यव्रत तिवारी
विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन ने दी बधाई
हिन्द भास्कर
जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध आशा पीजी कॉलेज, सिखड़ी के छात्र सत्यव्रत तिवारी ने केरल में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि से न केवल पूर्वांचल विश्वविद्यालय, बल्कि गाजीपुर जनपद और आशा पीजी कॉलेज का भी मान बढ़ा है।
सत्यव्रत तिवारी स्नातक छठे सेमेस्टर के छात्र हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत, संतुलित आहार और अनुशासित जीवनशैली के माध्यम से इस मुकाम को हासिल किया। प्रतियोगिता में देशभर की विभिन्न यूनिवर्सिटियों से आए प्रतिभागियों के बीच उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से यह सम्मान अर्जित किया। सत्यव्रत की यह सफलता भविष्य में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के अन्य छात्रों को भी खेल क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।सत्यव्रत की इस उपलब्धि पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के खेल और शारीरिक शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को दर्शाती है। उन्होंने सत्यव्रत को शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में और भी ऊंचाइयां छूने की कामना की।कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, सहायक कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, बबीता सिंह, अमृतलाल, खेल सहायक रजनीश सिंह, सत्येंद्र सिंह, अशोक कुमार और अलका चौहान सहित विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों ने सत्यव्रत को बधाई दी और उनकी मेहनत की सराहना की।आशा पीजी कॉलेज, सिखड़ी के प्रबंधक सतीश यादव ने सत्यव्रत की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह पदक महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है। उन्होंने सत्यव्रत को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता से महाविद्यालय के अन्य छात्रों को भी खेल के प्रति प्रेरणा मिलेगी।रामचंद्र यादव, आनंद कुमार, रामविलास यादव सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों और छात्रों ने भी सत्यव्रत की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।सत्यव्रत तिवारी की यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनेगी। उनकी इस सफलता से विश्वविद्यालय और महाविद्यालय का खेल विभाग और अधिक उत्साहित होगा और भविष्य में अन्य छात्र भी राष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से प्रदेश और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे।
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