श्री अजय शेखर सम्मान से सम्मानित होंगे डॉ लखन राम जंगली

समकालीन रचनाधर्मिता पर विमर्श होगा
गोष्ठी में ।
____' अ गोरी की मंजरी ' व बारिशें धूप
की होती रही ' पुस्तकों का विमोचन
हिन्द भास्कर
सोनभद्र । प्रसिद्ध साहित्यकार, मधुरिमा
संगोष्ठी के संस्थापक निदेशक के नाम पर श्री अजय
शेखर सम्मान_ 2025 , 13 अप्रैल , दिन
रविवार को दोपहर एक बजे नगरपालिका
के ' निराला ' सभागार में डॉ लखन राम
जंगली को प्रदान किया जाएगा ।
यह जानकारी शुक्रवार को विख्यात
गीतकार , राष्ट्रीय संचेतना समिति के संयोजक जगदीश पंथी ने दी । अभी
हाल ही में काशी हिन्दू विश्व विद्यालय
स्थित सभागार में ' राहुल संस्कृत्यायन
सम्मान ' और ' पंडित हरिराम द्विवेदी
स्मृति सम्मान ' से सम्मानित कवि पंथी
जी ने बताया कि ' विचार मंच ' के संयोजक
वरिष्ठ पत्रकार , लेखक नरेंद्र नीरव और
राष्ट्रीय संचेतना समिति के संयुक्त तत्वधान
में प्रत्येक वर्ष किसी न किसी समकालीन
रचना धार्मिता का निर्वहन करने वाले साहित्यकार को श्री अजय शेखर सम्मान
प्रदान किया जाता है ।
भोजपुरी , लोकभाषा और हिंदी
के कवि गीतकार पंथी जी ने यह भी बताया
कि भू _वैज्ञानिक प्रो. नागेश्वर दुबे की पुस्तक
' अ गोरी की मंजरी ' और प्रभात कुमार चौरसिया का काव्य संकलन ' बारिशे धूप
की होती रही ' का विमोचन होगा ।
कार्यक्रम के आयोजक पंथी जी
ने बताया कि इस अवसर पर साहित्यकार
पत्रकार , कवि आमंत्रित किए गए हैं । उन्होंने कहा कि सार्थक रचना वही है जो
चेतन प्राणी को प्रभावित कर ले ।
' समकालीन ' का अर्थ स्पष्ट करते हुए
उन्होंने कहा कि _ रचना उस समय के
बारे में है जब वह लिखी गई है , या उस
समय के बारे में है जो लेखक के लिए
प्रासंगिक है । रचना धार्मिता व्यक्ति सापेक्ष
है । परन्तु उससे कही ज्यादा समय , स्थान
व समाज सापेक्ष है । साहित्य स्व का विस्तार है और इस विस्तार में रचनाकार
परिवेश को स्वयं में समाहित करते हुए ,
खुद परिवेश में समाहित हो जाता
है ।
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