सरकार का संकल्प, प्रदेश को साल 2027 तक बाल श्रम मुक्त कराना है

सरकार का संकल्प, प्रदेश को साल 2027 तक बाल श्रम मुक्त कराना है

May 23, 2025 - 13:06
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सरकार का संकल्प, प्रदेश को साल 2027 तक बाल श्रम मुक्त कराना है

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- उत्तर प्रदेश को आगामी वर्षों में 2027 तक बाल श्रम मुक्त कराने के उद्देश्य से श्रम विभाग द्वारा तैयार की गयी राज्य कार्य योजना के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव, श्रम एम0 के सुन्दरम की अध्यक्षता में आहूत बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न विभागों के समन्वय व सहयोग से ही 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम मुक्त किये जाने का लक्ष्य प्राप्त हो सकता है।

बाल श्रम उन्मूलन व पुनर्वासन में विभिन्न विभागों की भूमिका व वृहद जनजागरण के लिए 12 जून को अर्न्तराष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस के अवसर पर लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया , जिसमें मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया जा रहा है। बैठक में श्रमायुक्त, मार्केण्डेय शाही द्वारा प्रदेश में बाल श्रम की स्थिति के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए विभिन्न विभागों की भूमिका के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया। शाही के द्वारा बताया गया कि वर्तमान सरकार का यह संकल्प है कि उ0प्र0 को वर्ष 2027 तक बाल श्रम मुक्त कराना है।

इसमें श्रम विभाग के साथ शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज्य, गृह, स्वास्थ, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास विभाग, शहरी विकास व व्यवसायिक शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि ऐसे बच्चों को विद्यालयों में नामांकित है परन्तु विद्यालय नहीं आते, वो सम्भावित बाल श्रम की श्रेणी में रहते है। और उनका विद्यालय में ठहराव एक बड़ी चुनौती है। सचिव महिला कल्याण, श्रीमती बी0 चन्द्रकला ने महिला कल्याण विभाग की बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप योजना सहित चाइल्ड हेल्पलाईन के सम्बन्ध में बताया गया।

बैठक की चर्चा में यह भी अवगत कराया गया कि बाल श्रम से सम्बन्धित डाटा, 2011 की जनगणना के बाद उपलब्ध न होने के कारण बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रमों के संचालन में समस्या आती है। इस सम्बन्ध में बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत स्तर पर बाल श्रमिकों व कामकाजी बच्चों का पता करने के लिए पंचायती राज विभाग के माध्यम से कामकाजी बच्चों का डाटा एकत्रित कर श्रम व शिक्षा विभाग के साथ साझा किया गया। नया सवेरा योजना पर चर्चा में यूनिसेफ अधिकारी, सैयद मंसूर कादरी द्वारा सुझाव दिया गया कि नया सवेरा का एक गुणात्मक मूल्यांकन कराकर उसे पुनः लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

प्रमुख सचिव, श्रम एम0 के0 सुन्दरम ने कहा कि शीघ्र ही सभी जनपदों में जिला टास्क फोर्स गठन करा लिया जाए एवं ग्राम स्तर पर पंचायत विभाग के सहयोग से डाटा संकलित कर श्रम विभाग के साथ साझा किया जाए। शीघ्र ही यूनिसेफ के साथ मिलकर विभिन्न विभागों की सभी योजनाओं को संकलित कर बुकलेट तैयार की जाएगी जिसमें बाल श्रमिक व उनके परिवारों को लाभान्वित कराया जा सकें। सुन्दरम ने बाल श्रम से सम्बन्धित कार्यक्रमों में गैर सरकारी संगठनों सहित नियोक्ताओं व श्रमिक संगठनों से भी सहयोग किये जाने की आवश्यकताओं पर बल दिया।

इस अवसर पर बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही, महिला कल्याण की सचिव बी0 चन्द्रकला, यूनिसेफ के बाल अधिकार संरक्षण विशेषज्ञ मंसूर कादरी, शिक्षा के विभाग के निदेशक गणेश कुमार, विशेष सचिव, अवधेश कुमार तिवारी, उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी, पंकज राणा, राज्य समन्वयक सैयद रिजवान अली सहित सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।

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