वंदे भारत एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है
वंदे भारत एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है
- वंदे भारत से घटीं दूरियां, बढ़ा उत्तर प्रदेश का जुड़ाव
- बनारस-खजुराहो वंदे भारत से पर्यटन और उद्यमिता को नई दिशा
लखनऊ(हिन्द भास्कर):- उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने प्रदेश की जनता को वंदे भारत एक्सप्रेस की नई सौगात दी है। आप को बता दे इस नई वंदे भारत एक्सप्रेस से प्रदेश के तीनों प्रमुख क्षेत्रों; पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक साथ जोड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बुंदेलखंड आज परिवर्तन की राह पर है। डिफेंस कॉरिडोर, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, बीडा, सौर ऊर्जा पार्क जैसी योजनाएं क्षेत्र की नई पहचान बन चुकी हैं।
बनारस से खजुराहो तक वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन इस बदलाव का प्रतीक है। यह ट्रेन वाराणसी, विंध्याचल, प्रयागराज, चित्रकूट, बांदा और महोबा को जोड़ती है। इससे पूर्वांचल और बुंदेलखंड के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन सर्किट को नई ऊर्जा मिली है। चित्रकूट धाम, बांदा और महोबा में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और होटल उद्योग को बड़ा सहारा मिलेगा।
चित्रकूट और झांसी में डिफेंस कॉरिडोर का तेजी से आकार लेना, बीडा में नोएडा जैसी इंडस्ट्रियल सिटी की स्थापना और झांसी, ललितपुर तथा चित्रकूट में सौर ऊर्जा पार्कों पर काम, यह सब बताता है कि योगी सरकार ने बुंदेलखंड के विकास को प्राथमिकता में रखा है। ये परियोजनाएं न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ा रही हैं, बल्कि प्रदेश की वन ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य में बुंदेलखंड को सक्रिय भागीदार बना रही हैं। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए सहारनपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस एक ऐतिहासिक कदम है। अब सहारनपुर से लखनऊ तक का सफर महज 7 घंटे 45 मिनट में पूरा होगा।
सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर और सीतापुर जैसे शहर अब राजधानी से सीधे जुड़ गए हैं। व्यापारी, विद्यार्थी, अधिकारी और श्रद्धालु सभी के लिए यह सुविधा बड़े परिवर्तन की शुरुआत है। व्यवसायिक दृष्टि से भी यह ट्रेन गेम-चेंजर साबित होगी। पश्चिम यूपी के उद्यमी अब लखनऊ जाकर अपने कारोबार, उद्योग या बैठकों के काम उसी दिन निपटा सकेंगे और शाम तक वापस लौट पाएंगे। यही नहीं, प्रयागराज, वाराणसी और चित्रकूट जैसे तीर्थस्थलों तक पहुंचना भी अब पहले से कहीं आसान हो गया है।
इससे धार्मिक पर्यटन और प्रदेश की सांस्कृतिक एकता को भी नई मजबूती मिली है। वंदे भारत एक्सप्रेस इस बदलते उत्तर प्रदेश की प्रतीक बन गई है, जो रफ्तार, सम्मान और आत्मगौरव के साथ प्रदेश को एक नई दिशा दे रही है।
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