07 सितंबर 2025 को लगने वाला चन्द्रग्रहण सभी के लिए खास

रात 09 बजकर 57मिनट पर होगा ग्रहण का आरंभ

Sep 6, 2025 - 05:32
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07 सितंबर 2025 को लगने वाला चन्द्रग्रहण सभी के लिए खास

चंद्र ग्रहण 7 सितम्बर 2025

डाॅ. ए. के. पाण्डेय

ग्रहण का समय (भारतीय मानक समय अनुसार)

प्रारंभ: रात्रि 9:57 बजे

मध्यकाल: रात्रि 11:41 बजे

मोक्ष (समाप्ति): रात्रि 1:27 बजे (8 सितम्बर की आधी रात के बाद)

यह ग्रहण कुंभ राशि के अंतर्गत पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में चंद्रमा व राहु की युति से लग रहा है। यह पूरे भारत में दृश्यमान रहेगा।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं।

इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा कुछ समय के लिए अंधकारमय या लालिमा लिए हुए दिखाई देता है।

जब चंद्रमा पृथ्वी की पूर्ण छाया (Umbra) में प्रवेश करता है तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) कहते हैं।

7/8 सितम्बर 2025 को रात्रि में यह ग्रहण लगभग 82 मिनट तक पूर्णता (Totality) में रहेगा।

चंद्रमा लाल क्यों दिखाई देता है?

पृथ्वी का वातावरण सूर्य की किरणों को छानकर केवल लाल रंग को चंद्रमा तक पहुँचाता है, जिससे चंद्रमा "Blood Moon" या "रक्तवर्णी चंद्र" दिखता है।

राशि के अनुसार फल

मेष: लाभ प्राप्ति

वृषभ: सुख में वृद्धि

मिथुन: सम्मान की हानि

कर्क: कष्ट की संभावना

सिंह: दांपत्य जीवन में तनाव

कन्या: सम्मान प्राप्ति

तुला: चिंता में वृद्धि

वृश्चिक: मानसिक व्यथा

धनु: धन-संपत्ति का लाभ

मकर: हानि की आशंका

कुंभ: नुकसान की संभावना

मीन: हानि का योग

सूतक काल

ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है।

चूंकि ग्रहण का स्पर्श समय रात्रि 9:57 बजे है, इसलिए सूतक सुबह 9:57 बजे से लगेगा।

ग्रहण काल में सावधानियां

मंदिर में प्रवेश व मूर्ति स्पर्श वर्जित।

यात्रा से बचें।

भोजन न करें (बालक, वृद्ध व रोगी आवश्यकतानुसार ग्रहण कर सकते हैं)।

दूध-दही जैसी सामग्री में कुश डालें।

ग्रहण मोक्ष के बाद ही ताजा भोजन व जल ग्रहण करें।

ग्रहण काल में किए जाने योग्य कार्य

1. जप और ध्यान

महा मृत्युंजय मंत्र – रोग शांति और दीर्घायु के लिए।

"ओउम् त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"

चंद्र मंत्र – मानसिक शांति और चंद्र दोष शांति के लिए।

"ओउम् ऐं क्लीं सोमाय नमः॥"

गायत्री मंत्र – आत्मिक बल और शुभ फल के लिए।

2. दान

ग्रहण मोक्ष के बाद दान करना विशेष फलदायी होता है।

सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, मोती, चांदी, दूध, दही, शक्कर या श्वेत वस्तुएँ दान करें।

ब्राह्मण, गरीब, असहाय या रोगियों को दान विशेष लाभ देता है।

3. स्नान और शुद्धिकरण

ग्रहण समाप्ति के बाद गंगा जल मिलाकर स्नान करें।

घर में गंगाजल का छिड़काव करके वातावरण शुद्ध करें।

4. विशेष उपाय

ग्रहण काल में हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

मानसिक तनाव और रोग पीड़ित लोगों के लिए चंद्र मंत्र जप विशेष लाभकारी रहेगा।

दांपत्य जीवन में सामंजस्य हेतु शिव-पार्वती की प्रार्थना करें ।

ग्रहण का खगोलीय स्वरूप:

सूर्य → पृथ्वी → चंद्रमा एक सीध में रहते हैं।

पृथ्वी की छाया (Umbra) में चंद्रमा पूर्णतया प्रवेश करता है।

इस दौरान चंद्रमा लालिमायुक्त (Blood Moon) हो जाता है।

 इस प्रकार चंद्र ग्रहण 7 सितम्बर 2025 धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक—तीनों ही दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण और दुर्लभ घटना है।

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KeshavShukla विभिन्न राष्ट्रीय साहित्यिक-सांस्कृतिक मंचों पर साहित्य विमर्श, कविता, कहानी लेखन ,स्क्रिप्ट लेखन, नाटकों का मंचन, रेडियो स्क्रिप्ट लेखन, उद्घोषणा कार्य एवं पुस्तक समीक्षा।