काकोरी नायकों के शहीदी दिवस को भाकपा ने सांझी शहादत सांझी विरासत के रूप में मनाया
क्रांतिकारियों की साझी शहादत साझी विरासत को बचाएं रखने के लिए युवाओं को आगे आना होगा - आर के शर्मा
हिन्द भास्कर ब्यूरो
सोनभद्र।
बृहस्पतिवार को काकोरी काण्ड के नायकों के शहीदी दिवस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जिला क्षेत्रीय कार्यालय पटवध पर इंकलाबी नारों के साथ सांझी शहादत और सांझी विरासत के रूप में मनाया गया और गोष्ठी आयोजित किया गया।
जहां उपस्थिति लोगों ने अमर शहीदों को नमन और श्रद्धा सुमन अर्पित किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पार्टी के जिला सचिव आर के शर्मा ने कहा कि आज से 97 वर्ष पहले अंग्रेजी हुकूमत ने हमारे देश के इन चार बीरों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक उल्ला खां,ठाकुर रोशन सिंह और राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को सन् 1927 में 17 से 19 दिसम्बर के बीच काकोरी केस में फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया था और इन वीरो ने हंसते हसंते फांसी के फंदे को चूम कर अपनी शहादत दे दी। उस दौर में इन क्रांतिकारियों ने धर्म और सम्प्रदाय को ताक पर रखकर देश की आजादी में अपना बलिदान दिया।
इस अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सह सचिव कामरेड देव कुमार विश्वकर्मा, पूर्व जिला सचिव कामरेड राम रक्षा, कामरेड राजेन्द्र प्रसाद, कामरेड प्रेम चंद्र गुप्ता, तारकेश्वर गुप्ता, बाबूलाल, राम सुरत बैगा, राम जी बैगा, बुद्धि राम खरवार, हृदय नारायण गुप्ता, मोहम्मद मुस्तफा, कमला प्रसाद, जगरनाथ व देव शाह आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कामरेड कन्हैया लाल ने और संचालन कामरेड अमरनाथ सूर्य ने किया।
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