ऋषिका गार्गी सम्मान से विभूषित हुईं कुलपति प्रो ० पूनम टंडन

Aug 17, 2025 - 19:19
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ऋषिका गार्गी सम्मान से विभूषित हुईं कुलपति प्रो ० पूनम टंडन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को ऋषिका गार्गी सम्मान से विभूषित किया गया। प्रोफेसर टंडन, यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली शख्सियत हैं। यह सम्मान उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

अध्यात्म, चिकित्सा, शिक्षा एवं संस्कृति के प्रतिष्ठित केंद्र सिद्धपीठ मदरिया द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। पीठ द्वारा समाज के ऐसे 20 विशिष्ट समाज-सेवियों को अलंकृत किया गया, जिनकी आभा से समाज प्रेरित व प्रकाशित हो रहा है।

इनमें भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत के उन्नयन हेतु अपना बहुआयामी योगदान देने वाले 10 प्रतिष्ठित संस्कृत-सेवी तथा 10 प्रतिष्ठित समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि किसी धार्मिक केंद्र द्वारा सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक तथा चिकित्सीय सेवा का निर्वाह उल्लेखनीय है। सिद्ध पीठ मदरिया इन दायित्वों के निर्वाह का सुंदर उदाहरण है। दरअसल गोरखपुर जनपद के मंदिरों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की जानी चाहिए. यह इन्हें अनोखा बनाता है। यहां की रचनात्मकता एवं सकारात्मक ऊर्जा प्रशंसनीय है। जिस समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति, धर्म व आस्था आदि का जितना बेहतर संयोजन होता है, वह समाज उतना ही प्रगति की ओर उन्मुख होता है। मुझे आप सबके बीच आकर हार्दिक प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। सिद्ध पीठ एवं श्रीश दास जी महाराज की सर्जनात्मक दृष्टि रेखांकित करने योग्य है।

पीठ के उत्तराधिकारी श्रीशदास जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बुरा तभी तक अस्तित्वमान होता है जब तक अच्छा प्रकाशमान न हो जाए। जरूरत है तो अच्छे लोगों, अच्छे कार्यों को रेखांकित करने की। इसी विचार से सिद्ध पीठ द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह अत्यंत गौरवपूर्ण है कि इस सम्मान समारोह का आरंभ कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन जी से हुआ है। कुलपति जी के द्वारा दक्षिणांचल के नागरिकों के सम्मान हेतु हम कृतज्ञ हैं। दक्षिणांचल अपने सर्वोच्च सम्मान से कुलपति जी को विभूषित कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

सम्मान के क्रम में 10 प्रतिष्ठित संस्कृत-सेवियों को प्रोफेसर पूनम टंडन ने अलंकृत किया। जिनमें डॉ. प्रवीण त्रिपाठी,अजीत राव,धीरेन्द्र तिवारी, विजय दुबे,अशोक पाण्डेय, हरपाल नागवानी,प्रेम सागर तिवारी ,मनोज दूबे, सज्जन मिश्रा, अखिलेश दुबे(नन्हें) सम्मानित किए गए।

इसके साथ ही 10 प्रतिष्ठित समाजसेवियों को भी कुलपति जी ने सम्मानित किया। जिनमें ओमप्रकाश शुक्ल,अस्मिता चंद, सृन्जय मिश्र, दिनेश नायक, नागेंद्र नायक, नागेंद्र शर्मा, अमरनाथ वर्मा, संजय मिश्र, धीरज शुक्ल,सुनील दुबे, मूलचंद जायसवाल, सूरज पाण्डेय, विनय पाण्डेय, प्रतिनिधि(रामसखी रामनिवास चैरिटेबल ट्रस्ट), प्रतिनिधि (देवीप्रसाद मिश्र चैरिटेबल ट्रस्ट) सम्मानित हुए. मंच संचालन अजय शुक्ल ने किया।

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