तेरह दिवसीय भोजपुरी लोकगीत परक कार्यशाला का हुआ आयोजन
हिन्द भास्कर, गोरखपुर।
संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश तथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला एवं संगीत विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 13 दिवसीय "भोजपुरी लोकगीत प्रस्तुतीपरक कार्यशाला" का समापन समारोह दिनांक 29/10/2024 को विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित किया गया ।
कार्यशाला महाकुंभ प्रयागराज- 2025 एवं मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित हुआ था । कार्यक्रम की शुरुआत में ललित कला एवं संगीत विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर उषा सिंह ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया ।
इसके बाद छात्र छात्राओं द्वारा पचरा गीत, देवी गीत, छठ गीत, तथा विवाह गीत की सुंदर प्रस्तुति की गई। समापन समारोह के मुख्य अतिथि सादर सांसद श्री रवि किशन शुक्ल ने कहा कि लोक कला तथा संस्कृति को आगे बढ़ावा देने के लिए ऐसे कार्यशाला का आयोजन होना बेहद जरूरी है और सबसे अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज भी कला, संस्कृति तथा कलाकारों को हमेशा प्रोत्साहन,सहयोग और सम्मान करते रहते है। उन्होंने आगे कहा कि इन प्रतिभावान कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए मैं हमेशा उनके साथ रहूंगा । विशिष्ट अतिथि डॉ० सत्या पांडे पूर्व मेयर गोरखपुर ने कहा कि पूर्वांचल की पारंपरिक लोक संगीत में एक ऐसी मिठास है जिसकी गारी भी मनमोहक लगती है। कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि भोजपुरी लोक संगीत बहुत ही सुनहरी संगीत है इसे दूषित होने से बचाने के लिए ऐसे कार्यशाला का होना जरूरी है इसके लिए उन्होंने मुख्य प्रशिक्षक श्री राकेश उपाध्याय जी को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर अनुभूति दुबे अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रोफेसर राजवंत राव अधिष्ठाता कला संकाय, डॉ गोर हरि बेहरा ,प्रोफेसर उमा श्रीवास्तव, डॉक्टर गौरी शंकर चौहान, डॉ प्रदीप साहनी, डॉक्टर प्रदीप राजोरिया तथा अनेक छात्राएं उपस्थित रहे।
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