गीत कस्तूरी साहित्यिक सेवा संस्थान ने मनाया हिन्दी पखवाड़ा
डॉ रचना तिवारी के दो गीत संग्रहों का हुआ भव्य लोकार्पण।
हिंदी भारत की पहचान ही नहीं बल्कि विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है --डॉ ओम निश्चल
विशेष संवाददाता
सोनभद्र । गीत कस्तूरी साहित्यिक सेवा संस्थान, सोनभद्र द्वारा रविवार को नगर स्थित एक भव्य सभागार में हिंदी पखवारे का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान जनपद की लब्ध प्रतिष्ठ कवयित्री डॉ रचना तिवारी की दो पुस्तकों "मेरे गीत तुम्ही से जन्मे "और झील में उतरी नाव " का विमोचन भी किया गया। समारोह के प्रारंभ में माँ सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात मंच पर उपस्थित विद्वज्जनों के सारस्वत स्वागत और सम्मान के साथ सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। हिंदी पखवारे के अवसर पर पूर्व की भाँति गीत कस्तूरी सेवा क्षसंस्थान ने विभिन्न क्षेत्रोँ मे विशिष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया । शिक्षा के क्षेत्र मे राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित सुमन सिंह तथा कौसर जहाँ, एडू लीडर सम्मान से सम्मानित गायत्री त्रिपाठी तथा दीनबंधु त्रिपाठी और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ वीणा सिंह और मीनाक्षी, तथा योग के क्षेत्र में अनीता गुप्ता एवं `रक्तदान महादान` के नारे के साथ राष्ट्रीय फलक पर पहचान बनाने के लिए दिलीप दुबे सम्मानित हुए। कार्यक्रम के विशेष आकर्षण के रूप में दिल्ली से पधारे देश के जाने माने कवि,गीतकार, आलोचक, एवं भाषाविद डॉ ओम निश्चल ने हिंदी भाषा के विश्वव्यापी स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि "हिंदी भारत की पहचान ही नहीं बल्कि समूचे विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा है जिसे संविधान सभा ने राजभाषा का गौरव देकर समूचे हिंदी भाषियों की इच्छा को मूर्त रूप दिया है और हिंदी ने अपनी संपर्क क्षमता के कारण समूचे विश्व के हिंदी और अन्य भाषाभाषी नागरिकों को एक सूत्र में जोड़ रखा है। उन्होंने इस अवसर पर अपने कुछ बेहतरीन गीत भी सुनाए और श्रोताओं को अपनी अभिव्यक्ति की बारिश से भिगो दिया। उन्होंने "यह धान का मौसम है" गीत सुना कर इस इलाके के खेतिहर किसानों के उल्लास को वाणी दी। उन्होंने जानी मानी कवयित्री डॉ रचना तिवारी की कविताओं के बारे में कहा कि उनके गीतों में इस देश की सांस्कृतिक संप्रभुता और मनुष्यता को प्रेम के सूत्र में पिरोने करने की अपूर्व क्षमता है। इस अवसर पर जनपद के अनेक कवियों द्वारा काव्य पाठ किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष रूबी प्रसाद ने कहा कि आज का हिंदी दिवस का समारोह यह बताता है कि सोनभद्र में हिंदी की लहर आ चुकी है और रचना तिवारी जी के नेतृत्व में अनेक स्त्री रचनाकार अपनी अभिव्यक्ति के लिए अग्रसर हो रही हैं। वह यहां के रचनाकारों के मध्य एक आइकन बन चुकी हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद के वयोवृद्ध साहित्यकार अजय शेखर ने की । उन्होंने साहित्य के प्रचार प्रसार में सक्रिय वातावरण तैयार करने के लिए गीत कस्तूरी संस्थान के योगदान की सराहना की तथा कहा कि समूचे सोनभद्र ही नहीं, पूरे प्रदेश में साहित्य के वातावरण को निर्मित करने में कस्तूरी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है जिसकी आहट देश की राजधानी तक पहुंच चुकी है।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की अध्यक्ष डा रचना तिवारी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सुशील पाठक, अमरनाथ सिंह, संतोष पांडेय, डॉक्टर मार्कण्डेय राम पाठक, विजेंद्र सिंह, भोला सिंह, राजेंद्र सिंह, अवधेश मिश्र, अमित सिंह, पुष्पा सिंह राम मनोहर द्विवेदी राम अनुज धर द्विवेदी, संजीव कुमार श्रीवास्तव, सर्वेश श्रीवास्तव, राजेश गोस्वामी सहित नगर के अनेक पत्रकार, बड़ी संख्या में लेखक, संस्कृति- साहित्य कर्मी, समाजसेवी, चिकित्सक, शिक्षक एवं बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।
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