मानवता का सार छुपा हुआ है सनातन धर्म में : आंद्रे

Apr 22, 2025 - 21:11
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मानवता का सार छुपा हुआ है सनातन धर्म में : आंद्रे

- किन्नर अखाड़े की कथा में आए कई देशों के संत

- रूस, यूक्रेन, इंग्लैंड सहित देश के कई प्रमुख व्यक्तियों ने भी किया कथा श्रवण

हिन्द भास्कर 

सोनभद्र।

 ऐसा कोई रहस्य नहीं है जिसका उत्तर सनातन ग्रंथों में न हो, मानवता का तो सार ही छुपा हुआ है सनातन धर्म में, यह कहना था यूरोप से पधारे आचार्य आंद्रे का जो ओरगाइ में किन्नर अखाड़े की कथावाचक महामंडलेश्वर हेमलता सखी जी की भागवत कथा में अपना वक्तव्य दे रहे थे, इस अवसर पर रूस और यूक्रेन से पधारी साध्वियों ने भी हिंदी और संस्कृत में अपना उद्बोधन दिया।

      रूस की साध्वी जूलिया ने संस्कृत श्लोकों से आदिदेव शिव की आराधना के श्लोक प्रस्तुत किए, वहीं यूक्रेन की साध्वी याना ने गुरुमहिमा के श्लोकों के साथ सनातन की महत्ता पर प्रकाश डाला, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रोफेसर डॉ लेखमणि त्रिपाठी ने बताया कि अफगानिस्तान में जो प्राचीन काल के जहाज का मलबा मिला है, वह किसी ईंधन से नहीं बल्कि माहेश्वर सूत्र से चलता था, क्योंकि उसमें बटन के स्थान पर वही सूत्र अंकित है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में सनातन धर्म के प्रति जो आदर और जिज्ञासा बढ़ी है, उसका यह सुखद परिणाम आपके सामने है कि विदेशी हिन्दी और संस्कृत में श्लोक बोलने के साथ साथ भारतीय परंपराओं का पालन करने में गर्व का अनुभव करते हैं।

        साहित्यकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि सनातन धर्म के प्रति बढ़ता वैश्विक रुझान वसुधैव कुटुंबकम् की धारणा के साथ भारत के विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करता है। महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा हेमलता सखी ने कहा कि ईश्वर के पास दुःख और परेशानी का कोई संग्रह नहीं है, यह तो व्यक्ति के कर्म स्वयं ही इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।

    दिनभर काशी से पधारे विद्वान पंडितों ने दिन में लोक मंगल के लिए महायज्ञ सम्पन्न कराने के बाद स्वस्ति वाचन के साथ अतिथियों और संतों को तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया, शिशु त्रिपाठी, अशोक चौबे, सनोज तिवारी, श्रीकांत दुबे द्वारा अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मान किया गया ।

अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार, किशोर न्याय बोर्ड के पूर्व सदस्य ओम प्रकाश त्रिपाठी और आभार ज्ञापन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ मार्कण्डेय पाठक ने किया. इस अवसर पर विशाल भंडारे के साथ वृंदावन की रासलीला का भी आयोजन किया गया । भागवत कथा के संयोजक अशोक चौबे ने बताया कि यह कथा 25 अप्रैल तक चलती रहेगी, कथा के साथ दिन में महायज्ञ, शाम को कथा के बाद, भंडारा तत्पश्चात कृष्णलीला का मंचन होता है।

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