अमेठी जिले की पहचान संतों की भूमि के रूप में रही है:- मंत्री जयवीर सिंह

अमेठी जिले की पहचान संतों की भूमि के रूप में रही है:- मंत्री जयवीर सिंह

Apr 20, 2025 - 13:47
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अमेठी जिले की पहचान संतों की भूमि के रूप में रही है:- मंत्री जयवीर सिंह

By:- Nirjala

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अमेठी जिले में 14 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से विभिन्न स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं के विकास का निर्णय लिया है। जिस में धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का विकास किया जाएगा। यह जानकारी उ0प्र0 के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला सूफी संस्कृति और इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

यहां के कई स्थल सूफी संतों और उनकी शिक्षाओं से जुड़े रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग जनपद में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 14 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से विभिन्न परियोजनाओं स्वीकृत की गयी हैं। जयवीर सिंह ने बताया कि अमेठी जिले की पहचान संतों की भूमि के रूप में रही है। इसी कड़ी में परम संत सतगुरु कबीर साहेब के बैठका का सौंदर्यीकरण एवं जीर्णाेद्धार कार्य किया जाएगा, जिसके लिए 99.10 लाख रुपए की राशि विभाग द्वारा स्वीकृत की गई है।

इसी प्रकार, बाबा दूलभ दास ग्राम धर्म विकास खंड तिलोई का पर्यटन विकास 94.03 लाख रुपए की धनराशि से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद अमेठी में सूफी संत, कवि और ’पद्मावत’ के रचयिता मलिक मोहम्मद जायसी की स्मृति में एक भव्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के लिए 10 करोड़ 86 लाख रुपए से अधिक की राशि को स्वीकृति प्रदान की गई है। स्मारक का उद्देश्य जायसी की साहित्यिक विरासत को संरक्षित करना और आने वाली पीढ़ियों को उनके योगदान से अवगत कराना है। यह स्मारक न केवल सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देने का कार्य करेगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि अमेठी के मुसाफिरखाना की ग्राम-पंचायत दादरा में हिंगलाज भवानी मंदिर का पर्यटन विकास किया जाएगा। इसके लिए 62 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी क्रम में ग्राम ताला स्थित पौराणिक मुकुट नाथ मंदिर का पर्यटन विकास 59.16 लाख रुपए राशि से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि की उम्मीद है। इन योजनाओं से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। राज्य घरेलू पर्यटन के मामले में देश में पहले स्थान पर है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर शिखर पर पहुंचाया जाए। जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिल सके।

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