भाजपा चरण सिंह का नाम जरूर लेती है लेकिन उनकी आर्थिक नीतियां चौधरी साहब के सोच के विपरीत है:- शिवपाल सिंह यादव

भाजपा चरण सिंह का नाम जरूर लेती है लेकिन उनकी आर्थिक नीतियां चौधरी साहब के सोच के विपरीत है:- शिवपाल सिंह यादव

May 30, 2025 - 10:36
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भाजपा चरण सिंह का नाम जरूर लेती है लेकिन उनकी आर्थिक नीतियां चौधरी साहब के सोच के विपरीत है:- शिवपाल सिंह यादव

निर्जला चौबे की रिपोर्ट

लखनऊ(हिन्द भास्कर):- किसानों के मसीहा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी के दौरान साजवादी चिंतक दीपक मिश्र द्वारा संपादित "चरण सिंह - व्यक्तित्व विचार व विरासत " पुस्तक का विमोचन करते हुए वरिष्ठ समाजवादी नेता व सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि चौधरीजी के विचार आज और भी अधिक प्रासंगिक हैं कि किसान को आत्मनिर्भर बनाओ, भारत खुद सशक्त हो जाएगा।

चरण सिंह राजनेता ही नहीं अर्थशास्त्री, कई पुस्तकों के लेखक, प्रख्यात अधिवक्ता और कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और देश के नवनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। भाजपा चरण सिंह का नाम जरूर लेती है लेकिन उनकी आर्थिक नीतियां चौधरी साहब के सोच के विपरीत है । समाजवाद में गहरी आस्था के कारण ही लोहिया से लेकर नेताजी मुलायम सिंह तक के सोशलिस्ट चौधरी साहब के समर्थन में सदैव खड़े रहे । रबी रे, पुरुषोत्तम कौशिक, लोकबंधु राजनारायण जैसे नेताओं के नाम अग्रगण्य हैं।

समाजवादी चिंतक और बौद्धिक सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि चरण सिंह की नीतियां किसान व गांव हितैषी तथा आर्थिक विकेंद्रीकरण पर आधारित थीं जबकि भाजपा सरकार धीरे -धीरे अर्थव्यवस्था को कुछ निजी हाथों में सौंपती चली जा रही है । वे भारतीय संस्कृति का काफी सम्मान करते थे । वे खालिस रूप से सत्ता के पीछे भागने वाले राजनेताओं में नहीं थे । सिद्धांतों और आस्थाओं से जुड़े होने के कारण उन्होंने सत्ता में आने पर सैद्धांतिक कार्यक्रमों को लागू करने में सत्ताच्युत होने का खतरा मोल लिया। उनके अनुसार अर्थव्यवस्था का लाभ सारी जनता को सम्यक रूप से दिलाना ही समाजवाद है।

चौधरी साहब सांप्रदायिकता और जातिवाद को देश के लिए खतरा मानते थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व विधायक सपा के राष्ट्रीय सचिव सुंदर लाल लोधी ने की । सपा प्रदेश सचिव अरविंद यादव, शांती यादव , अशोक यादव, हरिशंकर, अनुभव मिश्र समेत कई समाजवादियों और बुद्धिजीवियों ने सहभाग किया ।

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