न्यायिक व्यवस्था में भगवतगीता की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
न्यायिक व्यवस्था में भगवतगीता की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
लखनऊ(हिन्द भास्कर):- गीता जयंती के सुअवसर पर सनातनम संस्था, लखनऊ एवं अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ हाईकोर्ट के संयुक्त तत्वाधान में नवनिर्मित हाईकोर्ट गोमती नगर, लखनऊ के महामना हाल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में न्यायिक व्यवस्था में भगवतगीता की प्रासंगिकता एवं इसके महत्व पर व्याख्यान सहित काव्य पाठ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति राजन राय, वरिष्ठ न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ एवं वरिष्ठ अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया, न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों को अंग वस्त्रम एवं यथार्थ गीता पुस्तक भेंट कर तथा दीप प्रज्जवलन करके किया गया। संगोष्ठी का प्रारंभ दीप्ति गुप्ता द्वारा गीता स्तुति से किया गया।
इस संगोष्ठी में भगवतगीता के अध्ययन में विशेष रुचि रखने वाले अधिवक्ता, राकेश डी. कुमार ने विशेष वक्ता के रूप में भाग लेते हुए गीता के अनेक श्लोकों को पढ़कर इनकी व्याख्या करते हुए उक्त विषय पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। इसके उपरांत सुप्रसिद्ध कलाकार संजय शुक्ला 'रहबर' ने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर के कालजयी काव्य ग्रंथ रश्मिरथी से उद्धृत रचना कृष्ण की चेतावनी का काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ने अपने संबोधन में तथा आशीष वचन के दौरान मुख्य अतिथि ने इस कार्यक्रम की सफल प्रस्तुति के लिए आयोजक दल की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन किए जाने की अपेक्षा की। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर अध्यक्ष सनातनम संस्था राजेश चंद्र पाल तथा संस्था के अन्य सदस्यों द्वारा सभीआगंतुकों को यथार्थ गीता की प्रति भेंट की गई।
कार्यक्रम का समापन अधि. श्रवण कुमार एवं अधि. विंदेश्वरी पाण्डेय श्री के द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। इस कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य अतिथियों सहित बड़ी संख्या में सनातनम् संस्था के सभी पदाधिकारीगण, अवधबार एसोसिएशन के पदाधिकारीगणों सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिवक्ता एवं अन्य श्रोतागण उपस्थित रहे ।
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