विश्वविद्यालय मनाएगा हीरक जयंती स्थापना दिवस ; पूर्व संध्या पर होगा भव्य एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित

Apr 29, 2025 - 20:27
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विश्वविद्यालय मनाएगा हीरक जयंती स्थापना दिवस ; पूर्व संध्या पर होगा  भव्य एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित

 मुख्य अतिथि होंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

दिनांक: 29 अप्रैल 2025

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 75 गौरवशाली वर्षों को चिह्नित करते हुए हीरक जयंती समारोह मना रहा है। 1 मई 1950 को तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। गोरखपुर विश्वविद्यालय स्वतंत्रता के बाद स्थापित उत्तर प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय है, जिसने पूर्वांचल में शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

हीरक जयंती की पूर्व संध्या पर एक भव्य एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह समारोह विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षा भवन ऑडिटोरियम में सायं 4:00 बजे से प्रारंभ होगा। इसमें विश्वविद्यालय के विशिष्ट पूर्व छात्र, शहर के गणमान्य नागरिक, शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी बड़ी संख्या में सहभागिता करेंगे।

हीरक जयंती की आभा में निखरी विश्वविद्यालय की विकास यात्रा — कुलपति ने किया भव्य पोस्टर का विमोचन

हीरक जयंती स्थापना दिवस समारोह की कड़ी में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने एक आकर्षक और प्रेरणादायी पोस्टर का विमोचन किया। विश्वविद्यालय के सूचना, प्रकाशन एवं जनसंपर्क केंद्र द्वारा निर्मित इस पोस्टर में संस्थान की 75 वर्षों की गौरवशाली विकास यात्रा को जीवंत रूप से चित्रित किया गया है।

पोस्टर में विश्वविद्यालय के वैचारिक और ऐतिहासिक मूल्यों को उकेरा गया है—संस्थापक पंडित गोविंद बल्लभ पंत और प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ-साथ हीरक जयंती समारोह के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सशक्त उपस्थिति को भी प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय के दो प्रवेश द्वार—वर्तमान मुख्य द्वार और प्रस्तावित हीरक जयंती द्वार—के माध्यम से संस्था की प्रगति और सांस्कृतिक पहचान को सुंदरता से दर्शाया गया है। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी, हीरक जयंती समारोह की समन्वयक प्रो. नंदिता सिंह, प्रो. हर्ष सिंहा एवं सूचना, प्रकाशन एवं जनसंपर्क केंद्र की पूरी टीम की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया। यह पोस्टर केवल एक चित्र नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के 75 वर्षों की प्रेरणा, परंपरा और परिवर्तन की कहानी है।

विशेष सिक्का एवं डाक टिकट का लोकार्पण

इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय की हीरक जयंती को स्मरणीय बनाने हेतु एक विशेष स्मृति सिक्के तथा डाक विभाग के सहयोग से निर्मित विशेष डाक टिकट का लोकार्पण करेंगे।

मुख्यमंत्री करेंगे डॉक्यूमेंट्री एवं थीम सॉन्ग का लोकार्पण

समारोह में माननीय मुख्यमंत्री विश्वविद्यालय के सूचना, प्रकाशन एवं जनसंपर्क केंद्र द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री एवं थीम सॉन्ग का लोकार्पण करेंगे। युवाओं को प्रेरित करने और विश्वविद्यालय की गौरवशाली यात्रा को रेखांकित करने के उद्देश्य से एक डॉक्यूमेंट्री और एक थीम सॉन्ग तैयार किया गया है। थीम सॉन्ग संस्कृति और आधुनिकता के सुंदर समन्वय को प्रस्तुत करता है। थीम सॉन्ग के माध्यम से युवाओं में मातृ संस्था के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया है।

विशेष स्मारिका का होगा विमोचन

माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विशेष स्मारिका का विमोचन किया गया। यह स्मारिका विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की उपलब्धियों, अकादमिक यात्रा और सामाजिक योगदान का दस्तावेज है, जो भविष्य की दिशा को भी रेखांकित करती है।

महंत दिग्विजयनाथ प्रेक्षागृह का होगा शिलान्यास

माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में महंत दिग्विजयनाथ प्रेक्षागृह का शिलान्यास किया जाएगा। यह प्रेक्षागृह सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं शोध गतिविधियों का केंद्र बनेगा, जो पूर्वांचल की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करेगा।

हीरक जयंती द्वार का शिलान्यास

विश्वविद्यालय की हीरक जयंती के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा "हीरक जयंती द्वार" का शिलान्यास किया जाएगा। यह द्वार विश्वविद्यालय की 75 वर्षों की गौरवशाली शैक्षिक यात्रा का प्रतीक होगा और भावी पीढ़ियों को प्रेरणा प्रदान करेगा।

हीरक जयंती स्पोर्ट्स स्टेडियम का शिलापट्ट अनावरण

विश्वविद्यालय में हीरक जयंती के उपलक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा "हीरक जयंती स्पोर्ट्स स्टेडियम" के शिलापट्ट का अनावरण किया जाएगा। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्टेडियम विद्यार्थियों के खेल कौशल को विकसित करने हेतु एक महत्वपूर्ण आधार बनेगा।

"संवाद" पत्रिका का विमोचन

विश्वविद्यालय में अधिष्ठाता छात्र कल्याण की गतिविधियों पर आधारित विशेष पत्रिका "संवाद" का विमोचन किया गया। यह पत्रिका विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण, प्रतिभा-विकास, और समग्र छात्र जीवन से जुड़ी विभिन्न पहलों और आयोजनों का दस्तावेज प्रस्तुत करती है। इसके साथ ही "Affirmative Action and Social Justice in India" पुस्तक का विमोचन भी होगा।

हीरक जयंती स्थापना दिवस पर विशिष्ट पुरातन छात्रों का होगा सम्मान

इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय उन सात विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मानित करेगा, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। इसके साथ ही सिविल सेवा परीक्षा UPSC 2024 में उत्तीर्ण दो पुरातन छात्रों को भी स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

सम्मानित होने वाले विशिष्ट पुरातन छात्र

प्रो. रामदेव शुक्ल

विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के गौरवशाली पूर्व छात्र हैं। उन्होंने 1959 में हिंदी में परास्नातक प्रथम श्रेणी में स्वर्ण पदक के साथ पूर्ण किया और 1965 में पीएचडी उपाधि प्राप्त की। प्रतिष्ठित शिक्षाविद् व साहित्यकार के रूप में उन्होंने साहित्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।

नरेंद्र नाथ दुबे

अंग्रेज़ी विभाग के पूर्व छात्र (1979-1983), बीएसएफ व एनआईए में 36 वर्षों तक सुरक्षा सेवा में रहे। उन्हें कीर्ति चक्र (2004), राष्ट्रपति पुलिस मेडल, विशिष्ट सेवा पदक सहित कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले। गाज़ी बाबा एनकाउंटर पर आधारित फिल्म ग्राउंड ज़ीरो 25 अप्रैल 2025 को रिलीज़ होगी। वे अब सुरक्षा विशेषज्ञ व वक्ता हैं।

प्रवीण कुमार मिश्र

बीए (1989), एमए (1991) और पीएचडी (2002) प्राचीन इतिहास में; पुरातत्व में पीजी डिप्लोमा (1992-94)। 1997 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में कार्यरत, वर्तमान में संयुक्त महानिदेशक। देशभर के प्रमुख उत्खननों, संग्रहालयों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका। संग्रहालयों के डिजिटलीकरण व विस्तार में योगदान। कपिलवस्तु व लाल किला संग्रहालयों में उल्लेखनीय कार्य।

कृष्ण कुमार मिश्रा

1987 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीए और 1989 में एमए भूगोल में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। 1993 में सिविल सेवा उत्तीर्ण कर 1994 बैच में भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए। मुंबई, गोवा, पुणे व दिल्ली में सेवाएं दीं। वर्तमान में प्रधान आयकर आयुक्त, मुंबई पद पर कार्यरत हैं।

वंदना त्रिपाठी

गोरखपुर निवासी, 2015 बैच की IAS अधिकारी हैं। बीए (1995), एमए अर्थशास्त्र (1997), नेट (1998) और पीएचडी में नामांकन (1998)। 1999 में यूपीएचईसी से सहायक प्रोफेसर चयनित हुईं। पीसीएस 2000 में प्रथम स्थान। हरिद्वार, नैनीताल, बुलंदशहर, प्रयागराज में एसडीएम रहीं। वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा, गौतमबुद्धनगर के पद पर कार्यरत हैं।

शोभित मोहन दास

गोरखपुर निवासी, 1990-93 में वाणिज्य स्नातक रहे और गोल्ड मेडल प्राप्त किया। विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य रहे। स्व. बैरिस्टर अयोध्या दास के परिवार से हैं। 1998 से रियल एस्टेट में सक्रिय, क्रेडाई यूपी अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। गोरखपुर-लखनऊ में कई प्रमुख परियोजनाएं पूरी कीं। सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी

गोरखपुर निवासी, 2001 में भौतिकी में परास्नातक (स्वर्ण पदक) हैं। वे एक प्रतिष्ठित सौर खगोल भौतिकी वैज्ञानिक हैं और इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स (IUCAA), पुणे में वरिष्ठ प्रोफेसर और आदित्य-L1 मिशन के SUIT उपकरण के प्रमुख अन्वेषक हैं। जर्मनी से पीएचडी, कैंब्रिज में शोध। 150+ शोधपत्र, कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त। सौर भौतिकी में अग्रणी वैज्ञानिक और वैश्विक शोध समुदाय में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

इस सिविल सेवा परीक्षा UPSC 2024 में उत्तीर्ण दो पुरातन छात्रों को भी स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

इक़बाल अहमद

गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक। बीए (2010), बीएड (2014)। नेट-जेआरएफ (2019, 2022) एवं सीटीईटी (2015) उत्तीर्ण। वर्तमान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी (उ.प्र. सरकार) पद पर कार्यरत। सिविल सेवा परीक्षा 2024 में चयनित (रैंक 998)। सामाजिक उत्थान हेतु प्रतिबद्ध, अपने विश्वविद्यालय से गहरा जुड़ाव।

अन्नू गुप्ता

सिविल सेवा परीक्षा 2024 में रैंक 779 प्राप्त की है। इन्होंने 2020-23 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीए (स्नातक) किया, जिसमें समाजशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य और भूगोल विषय रहे।

75 वर्षों की यात्रा पर आयोजित किए गए 75 कार्यक्रम

विश्वविद्यालय के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाने के लिए विश्वविद्यालय के विभागों ने हीरक जयंती के अवसर पूरे एक वर्ष में 75 कार्यक्रमों का आयोजन किया।

हीरक जयंती समारोह के अवसर पर महामहिम कुलाधिपति का मिला आशीर्वाद

हीरक जयंती समारोह में 03 मार्च 2025 को आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 75 वर्षों में अपनी युवा ऊर्जा को सिद्ध किया है। उन्होंने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, नशा उन्मूलन और समाज से जुड़े कार्यक्रमों पर जोर दिया। 

निकली गई साइकिल यात्रा

महामहिम ने साइकिल यात्रा का शुभारंभ कर युवाओं को राष्ट्र निर्माण हेतु प्रेरित किया। 

सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण

कस्तूरबा विद्यालयों की छात्राओं का सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

हीरक जयंती कैलेंडर रिलीज

हीरक जयंती समारोह पर विभागीय कार्यक्रमों का समावेश करते हुए हीरक जयंती कैलेंडर रिलीज किया गया।

हीरक जयंती समारोह:डिस्ट्रिक्ट कनेक्ट आउटरीच कार्यक्रम

सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा खेलकूद संबंधी प्रतियोगिताओं में गोरखपुर, देवरिया तथा कुशीनगर जनपद के लगभग सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। तीनों जनपदों से कुल 32000 छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया, जिसमें लगभग 4000 प्रतिभागी जनपद स्तर के लिए चयनित हुए। अंतिम निर्णायक स्तर की प्रतियोगिता विश्वविद्यालय में आयोजित की गई। 

कुल 619 छात्र-छात्राएं विजयी घोषित, महामहिम के हाथों सम्मानित हुए 200 से अधिक विजेता प्रतिभागी

विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित तीनों जनपद के प्रतिभागियों के बीच निर्णायक प्रतियोगिता में विभिन्न विधाओं के कुल 619 छात्र छात्राओं को विजयी घोषित किया गया। इन विजेता प्रतिभागियों में से 200 से अधिक को कुलाधिपति एवं राज्यपाल उ. प्र. महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल के हाथों मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

वॉक फॉर लीगेसी का आयोजन

हीरक जयंती समारोह श्रृंखला के अंतर्गत 22 फरवरी 2025 को प्रातः 6 बजे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व में ‘वॉक फॉर लिगेसी’ का आयोजन हुआ। हीरक जयंती समारोह के अंतर्गत हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत से हुई। कुलपति ने इसे विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा को जनमानस से जोड़ने वाला प्रेरक कदम बताया। उन्होंने सभी को इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। पदयात्रा के बाद राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में एकत्रित विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के विकास के प्रति अपने संकल्प को दोहराया।

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