पुरातन छात्रों ने भूगोल विभाग को पुस्तकालय हेतु सौंपी दो दर्जन कुर्सियां

Feb 22, 2025 - 21:57
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पुरातन छात्रों  ने भूगोल विभाग को पुस्तकालय हेतु सौंपी दो दर्जन कुर्सियां

पुरातन छात्र सम्मेलन की पंचम वर्षगांठ के अवसर पर दिनांक 22 फरवरी 2025 को विभाग के पुस्तकालय को दिया कुर्सियों की सौगात, इसके साथ 75 पुस्तकें भी विभाग के पुस्तकालय को भेंट किया। इस बार एक दिवसीय सेमीनार "भूगोल पुरातन छात्रों का राष्ट्र निर्माण में योगदान" विषय पर दो सत्रों में गहन विमर्श हुआ।

     कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रो० पूनम टंडन जी के कर कमलों से हुआ। जहां कुलपति ने सर्व प्रथम पुरातन छात्र द्वारा भेंट की गयी दों दर्जन कुर्सियों का लोकार्पण किया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में  उन्होंने अपने वक्तव्य में पुरातन छात्रों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुरातन छात्र विभाग के ब्रांड एम्बेस्डर होते हैं, यहां पर पुरातन छात्रों की एक समृद्ध देखने को मिली। जो विद्यार्थी अपने मूल से जुड़ा होता है वही अपने आने वाले विद्यार्थियों विभाग के लिए आदर्श प्रस्थापित करता है। पुस्तकों को भेंट कर आप एक मैसेज दे रहे है जो आने वाली पीढिया हमेशा याद रखेंगी। हीरक जयंती वर्ष पर अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं जिसमें छात्रावास की मरम्मत कार्य, परीक्षा विभाग का निर्माण कार्य, इसके साथ प्रेक्षा गृह तथा संवाद भवन कुछ ही दिन में नये स्वरूप में देख सकेंगे। पी०एम०उषा के अन्तर्गत एक मल्टी डिसेनपरी भवन जो पांच मंजिल का होगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक कम्प्यूटर सेंटर को तैयार कराया जायेगा।

विभाग के पहले बैच के छात्र  जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय की उपस्थिति व उनके उद्बोधन हम सभी को उनके अनुभवों को सुनने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम में लखनऊ से आये पुरातन छात्र आई०पी०एस० जयप्रकाश यादव भी मौजूद रहे जिन्हें दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। निष्ठा एवं ईमानदारी के बदौलत मिले सम्मान बड़े ही गर्व का विषय है, इन विद्यार्थियों को यही कहना चाहता हूं कि ईमानदारी से अपना कार्य करें, कोई भी मंजिल कठिन नहीं है।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करने के साथ-साथ विभागाध्यक्ष प्रो० शिवाकान्त सिंह ने पुरातन छात्रों के कार्यों की प्रशंसा की तथा स्नातकोत्तर व शोध के विद्यार्थियों को इनके पदचिन्हों पर चलने की बात कही। कठिन परिश्रम से सब सम्भव है कोई भी परीक्षा पारंगत विद्यार्थियों के लिए उत्तीर्ण करना असंभव नहीं है, बस दृष्टि और लगन होनी चाहिए। इसी क्रम में भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० वी०के० श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष प्रो० जे०एन० पाण्डेय विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० एस०एस० वर्मा जी विभाग के पूर्व अध्यक्ष ने तथा प्रो० राम बरन पटेल जी ने अपने उद्बोधन दिये। विभाग के शिक्षकों डॉ० स्वर्णिमा सिंह, डॉ० अंकित सिंह, डॉ० मनीष कुमार सिंह, डॉ० श्रीप्रकाश सिंह एवं डॉ० दुर्गावती यादव उपस्थित रहे। प्रो० एस० के० दीक्षित अपने उद्बोधन में कहा कि कोषाध्यक्ष सरवरे आलम की विशेषरूप से भूरि-भूरि प्रशंसा की. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 इंद्रजीत अलैहिस्सलाम, डॉ0 दुर्गा प्रसाद यादव, डॉ0 अजित मधेशिया, डॉ0 रविसेन प्रताप सिंह, डॉ. मिश्रा, डॉ. मो उमर सिद्दकी, डॉ. बीकानेर यादव, डॉ. मॅगेल तिवारी, शम्स तरन्नुम, डॉ. मिश्रा, रिचा राव, अमृता सिंह, शिखा गुप्ता, डॉ. अजित मद्धेशिया, डॉ. डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. डॉ. भास्कर आदि उपस्थित। पिछले वर्ष विभिन्न सेवाओं में 17 बच्चे सफल हुए, उन्हें स्मृति चिन्ह और पूर्णता पत्र भी दिया गया। प्रतिष्ठित होने वाले छात्रों में डॉ. रंजन गुप्ता, शीतल निगम, श्रीप्रा गुप्ता, शिवांगी पांडे, मोतीलाल प्रजापति, शामिल हैं, सन लाइट मिश्र, डॉ. सुनील कुमार प्रसाद, देवी प्रसाद राय, जिपंशा सिंह, अमरेंद्र नाथ यादव शामिल रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ० दिवाकर सिंह ने किया, आभार ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक डॉ० अरबिन्द कुमार गुप्ता द्वारा किया गया।

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