हमें संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप आचरण करना चाहिए: प्रो० पूनम टंडन

Dec 6, 2024 - 21:18
Dec 7, 2024 - 07:12
 0  24
हमें संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप आचरण करना चाहिए: प्रो० पूनम टंडन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित

हिन्द भास्कर, गोरखपुर।

 दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में 06 दिसंबर को भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एससी/एसटी अध्यापक और कर्मचारियों के संघ द्वारा आयोजित किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने बाबा साहब के शैक्षणिक और सामाजिक योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि हमें संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप आचरण करना चाहिए और समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने के लिए सतत प्रयास करना चाहिए।

हिंदी विभाग के प्रोफेसर विमलेश ने बाबा साहब के विचारों को रेखांकित करते हुए बताया कि किस प्रकार बाबा साहब ने अपने जीवन को हाशिए पर रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। हिंदी विभाग के प्रोफेसर एवं सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे ने अपने वक्तव्य में बाबा साहब के सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजनीतिक और संवैधानिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक स्वतंत्रता भी अत्यंत आवश्यक है।

अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर राजवंत राव ने अपने संबोधन में बताया कि बाबा साहब नायकवाद के विरोधी थे और वे सामाजिक व आर्थिक समानता के प्रबल समर्थक थे। इसके अतिरिक्त, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर गोपाल प्रसाद जी ने बाबा साहब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

एसोसिएशन के संयुक्त सचिव श्री राजबहादुर गौतम जी ने कहा कि बाबा साहब ने किसी एक वर्ग विशेष के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए काम किया। उन्होंने बाबा साहब के योगदान को व्यापक दृष्टिकोण से देखने पर बल दिया। कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रोफेसर आलोक गोयल जी ने दिया, और संचालन अंग्रेजी विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर बृजेश कुमार जी ने सफलतापूर्वक किया।

इस श्रद्धांजलि सभा में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, कर्मचारी, शोधार्थी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow