दिनांक 27 अक्टूबर 2025 से मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर

मंगल अपनी मूल राशि पर करेंगे गोचर तो क्या होगा प्रभाव आइए जानते हैं --------

Oct 26, 2025 - 17:02
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दिनांक 27 अक्टूबर 2025 से मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर

मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर

 दिनांक – 27 अक्टूबर 2025 को शाम 3:53 से 7 दिसम्बर रात्रि 8.27 तक।

 स्थान – वृश्चिक राशि (मंगल की अपनी राशि)

मंगल जब अपनी स्वराशि वृश्चिक में प्रवेश करते हैं, तो उनकी ऊर्जा अत्यंत शक्तिशाली, निर्णायक और साहसपूर्ण हो जाती है।

यह गोचर जीवन में नव ऊर्जा, आत्मविश्वास और परिवर्तनकारी अनुभव लाता है।

लेकिन अव्यवस्थित या आवेगी सोच से क्रोध, तनाव और विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं।

 लग्न के अनुसार विस्तृत प्रभाव, सावधानी और उपाय -

1- मेष लग्न (Aries Ascendant)

भाव स्थिति – आठवाँ भाव

प्रभाव – आठवें भाव में मंगल मानसिक और भावनात्मक गहराई लाता है।

आप अचानक परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं, गुप्त लाभ या रहस्योद्घाटन का समय है।

सावधानी – जोखिम वाले निवेश, स्वास्थ्य की अनदेखी और क्रोध से बचें।

उपाय – मंगलवार को तिल का तेल दान करें।

मंत्र जप – ॐ ह्रं श्रीं भौमाय नमः 108 बार जप करें।

2- वृषभ लग्न (Taurus Ascendant)

भाव स्थिति – सातवाँ भाव

प्रभाव – दांपत्य और साझेदारी के मामलों में उतार-चढ़ाव।

संबंधों में गर्मजोशी बढ़ेगी, लेकिन मतभेद और तकरार भी संभव।

व्यापार में साझेदारी सावधानीपूर्वक निभाएँ।

सावधानी – अहंकार और जिद से बचें।

उपाय – हनुमान जी को लाल पुष्प अर्पित करें और मंगलवार को गुड़ का भोग दें।

3- मिथुन लग्न (Gemini Ascendant)

भाव स्थिति – छठा भाव

प्रभाव – कार्य, प्रतियोगिता और शत्रु से विजय का भाव सशक्त होगा।

आपका पराक्रम और मेहनत रंग लाएगी।

स्वास्थ्य विशेषकर पेट या रक्त संबंधी समस्याओं पर ध्यान दें।

सावधानी – अधिक तनाव और जिद से बचें।

उपाय – हनुमान मंदिर में सिंदूर अर्पित करें।

4- कर्क लग्न (Cancer Ascendant)

भाव स्थिति – पाँचवाँ भाव

प्रभाव – प्रेम, संतान और रचनात्मक कार्यों में वृद्धि। विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के योग हैं। संतान या युवा वर्ग से जुड़े निर्णय महत्वपूर्ण रह सकते हैं।

सावधानी – अत्यधिक भावुक होने या ईर्ष्या की भावना से बचें।

उपाय – मंगलवार को लाल पुष्प या वस्त्र दान करें। हनुमान जी की आराधना करें।

5- सिंह लग्न (Leo Ascendant)

भाव स्थिति – चौथा भाव

प्रभाव – घर, परिवार और संपत्ति के मामलों में सक्रियता। परिवार में सामंजस्य बनाए रखना महत्वपूर्ण। वाहन, घर और अन्य संपत्ति से जुड़े कार्य लाभकारी होंगे।

सावधानी – गुस्से या तनाव को परिवार पर न निकालें।

उपाय – लाल दीपक जलाएँ, परिवार के साथ समय बिताएँ। हनुमान जी का पूजन करें।

6- कन्या लग्न (Virgo Ascendant)

भाव स्थिति – तीसरा भाव

प्रभाव – साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम में वृद्धि। भाई-बहनों या छोटे सहयोगियों से सहयोग मिलेगा। यात्रा और संचार से जुड़े कार्य लाभ देंगे।

सावधानी – कठोर वाणी, जल्दबाज़ी और अति आत्मविश्वास से बचें।

उपाय – मंगलवार को लाल मिठाई बाँटें, हनुमान चालीसा पढ़ें।

7- तुला लग्न (Libra Ascendant)

भाव स्थिति – दूसरा भाव

प्रभाव – धन और वाणी के मामलों में सक्रियता। पारिवारिक वातावरण में संवाद और सामंजस्य बनाए रखें।

सावधानी – बोलचाल में कठोरता से बचें। वित्तीय मामलों में विवेक से निर्णय लें।

उपाय – मंगलवार को दाल-चावल दान करें या गरीबों को भोजन दें।

8- वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant)

भाव स्थिति – पहला भाव

प्रभाव – आत्मबल, ऊर्जा, नेतृत्व क्षमता और साहस में वृद्धि। नई जिम्मेदारियाँ और निर्णय लेने का समय अनुकूल।

सावधानी – गुस्सा और अहंकार नियंत्रण में रखें। किसी भी प्रकार की जल्दबाज़ी या आवेगी निर्णय से बचें।

उपाय – हनुमान जी को लाल पुष्प अर्पित करें।

मंत्र जप – ॐ ह्रं श्रीं भौमाय नमः 108 बार जप लाभकारी रहेगा।

9- धनु लग्न (Sagittarius Ascendant)

भाव स्थिति – बारहवाँ भाव

प्रभाव – खर्च, विदेश यात्रा, मानसिक चिंतन और आध्यात्मिक विकास।

धार्मिक या आध्यात्मिक गतिविधियाँ लाभकारी होंगी।

सावधानी – अनावश्यक खर्च, नींद की कमी और मानसिक दबाव से बचें।

उपाय – तेल का दीपक जलाएँ और भगवान हनुमान का पूजन करें।

10- मकर लग्न (Capricorn Ascendant)

भाव स्थिति – ग्यारहवाँ भाव

प्रभाव – लाभ, आय, मित्र और सामाजिक संपर्क के योग। पुराने अटके कार्य पूरे हो सकते हैं।

सावधानी – मित्रों या सहकर्मियों से विवाद न बढ़ाएँ।

उपाय – मसूर दाल और गुड़ का दान करें। मंगलवार को हनुमान जी का पूजन करें।

11- कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant)

भाव स्थिति – दसवाँ भाव

प्रभाव – कैरियर, पदोन्नति और कार्यक्षेत्र में सफलता के योग। नई जिम्मेदारियाँ मिलेंगी।

सावधानी – वरिष्ठों से मतभेद न करें। धैर्य और संयम बनाए रखें।

उपाय – मंगलवार को गुड़-चना का दान करें और हनुमान आरती करें।

12- मीन लग्न (Pisces Ascendant)

भाव स्थिति – नौवाँ भाव

प्रभाव – भाग्य, धर्म, यात्रा और शिक्षा के मामलों में लाभ। धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी।

सावधानी – अति आत्मविश्वास, धार्मिक बहस या विवाद से बचें।

उपाय – सिंदूर और लाल पुष्प का दान करें।

मंत्र जप – आवश्यकता अनुसार कर सकते हैं।

सारांश -

मंगल का यह गोचर साहस, ऊर्जा, आत्मबल और निर्णायकता बढ़ाने वाला है।

कन्या, मकर, कुंभ और मीन लग्न वालों के लिए विशेष रूप से उन्नति और सफलता का समय है।

मेष, मिथुन और धनु लग्न वालों को संयम, स्वास्थ्य और धैर्य बनाए रखना चाहिए।

मंत्र “ॐ ह्रं श्रीं भौमाय नमः” केवल ,उन्हीं लग्नों में जप करें जहाँ मंगल की ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय है।

शुभम् भवतु । 

डॉ. ए के पाण्डेय

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KeshavShukla विभिन्न राष्ट्रीय साहित्यिक-सांस्कृतिक मंचों पर साहित्य विमर्श, कविता, कहानी लेखन ,स्क्रिप्ट लेखन, नाटकों का मंचन, रेडियो स्क्रिप्ट लेखन, उद्घोषणा कार्य एवं पुस्तक समीक्षा।