लखनऊ विश्वविद्यालय में 'One Nation One Election': An Initiative for Good Goverence पर राष्ट्रीय सेमिनार

Nov 16, 2024 - 19:12
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लखनऊ विश्वविद्यालय में 'One Nation One Election': An Initiative for Good Goverence पर राष्ट्रीय सेमिनार

सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर ए.के. शर्मा ने व्यक्त किए अपने विचार 

'वन नेशन वन इलेक्शन' देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम 

देश में सुशासन की स्थापना, गुड गवर्नेंस के लिए होगा महत्वपूर्ण कदम 

देश को समृद्धि और सुशासन की ओर ले जाने के लिए 'वन नेशन वन इलेक्शन' बहुत आवश्यक

जनकल्याणकारी व आर्थिक नीतियों को लागू करने में बार बार रुकावटें नहीं आयेंगी

अलग-अलग व बार बार होने वाले चुनावों से विकास कार्यों व गरीबों तक पहुंचने वाली ज़रूरी मदद में आती है रुकावट

केंद्र, राज्यों व स्थानीय निकायों में बार-बार होने वाले अलग अलग चुनाव से देश हो रहा खोखला

विपक्ष की 'वन नेशन वन इलेक्शन' की व्यवस्था का विरोध करने और देश को गर्त में ले जाने की साजिश होगी नाकाम - ए. के. शर्मा 

हिन्द भास्कर ब्यूरो 

लखनऊ: 16 नवम्बर, 2024

देश को समृद्धि और सुशासन की ओर ले जाने के लिए 'वन नेशन वन इलेक्शन' बहुत आवश्यक है। केंद्र, राज्यों व स्थानीय निकायों में अलग-अलग एवं बार-बार होने वाले चुनावों से देश को आर्थिक नुकसान हो रहा और देश पूरी तरह से खोखला होता जा रहा है। देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' की संवैधानिक व्यवस्था लागू होने से देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। देश की प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी व विकास कार्यों को गति मिलेगी और पूरे देश में सुशासन एवं गुड गवर्नेंस की स्थापना होगी। जनकल्याणकारी व आर्थिक नीतियों को लागू करने में बार बार रुकावटें नहीं आयेंगी। अलग-अलग होने वाले चुनावों से विकास कार्यों व गरीबों तक पहुंचने वाली ज़रूरी मदद में रुकावट आती है। चुनावों के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा समाज में व्याप्त भाईचारे को भी तोड़ने की कोशिश की जाती है। इसमें भी कमी आएगी।

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के अटल सुशासन पीठ में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत 'One Nation One Election': An Initiative for Good Goverence' विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर अपने विचार व्यक्त किया और अपने प्रेरणादाई संबोधन से उपस्थित गणमान्य जनों को प्रेरित भी किया। उन्होंने इस विषय पर उपस्थित जनों से चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव और अल्पकालिक सरकारों के कारण लोगों को बहुत ही अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। इस दौरान विकास की कोई बात नहीं होती, सिर्फ चुनाव की चर्चा होती है। मोदी चाहे मुख्यमंत्री रहे हो या अभी प्रधानमंत्री स्थाई सरकार ही चलाई है। इससे अस्थाई सरकारों व बार-बार के चुनावो से देश को कुछ तो मुक्ति मिली है। देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए जरूरी है कि बार-बार के चुनाव से मुक्ति मिले, जिससे नौजवानों के रोजगार के लिए, नई योजनाओं व नीतियों को बनाने के लिए भी समय मिल सके। उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर 1967 तक पूरे देश में एक चुनाव की व्यवस्था लागू थी। फिर से इस व्यवस्था के लागू होने से देश के विकास के रफ्तार को गति मिलेगी। आर्थिक रूप से देश समृद्ध बनेगा। पब्लिक भी चुनाव का बेसब्री से इंतजार करेगी, चुनाव को लेकर उनकी उदासी खत्म होगी। चुनाव में वोटर की भागीदारी बढ़ेगी। क्षेत्रीय पार्टियों को भी फायदा होगा। उन्होंने उपस्थित सभी विद्वतजनों व नवयुवकों का आह्वान किया कि इस व्यवस्था के पक्ष में जनजागृति लाएं, सभी इसके पक्ष में अपनी एक राय भी बनाएं।

 ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं गृहमंत्री जी व उनकी टीम तथा देश के विद्वतजन मिलकर इस दिशा में देश को आगे ले जाएंगे। विपक्षी चाहे जितना भी इसका विरोध करें, वह तो देश को गर्त में ही ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी जब मुख्यमंत्री रहे तभी से 'वन नेशन वन इलेक्शन' की बात कर रहे है। वे इस पर चर्चा भी करते थे कि बार-बार के चुनाव होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। देश में आर्थिक बोझ भी पड़ता है। मोदी की जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तभी से इसकी राष्ट्रव्यापी चर्चा कर रहे। यहां तक की लोकसभा के तीनों चुनाव में भी बीजेपी के मेनिफेस्टो में इसका ज़िक्र रहा। उन्होंने कहा कि देश में कही पर भी चुनाव हो, चुनाव के दौरान 04 महीने पहले से ही चुनाव की मशीनरी तैयारी में लग जाती है। चुनाव होना हो तो 04 महीने पहले से ही लाभार्थीपरक योजनाओं को बंद करना पड़ता है। अब आईटी सेक्टर के विकास से काउंटिंग में कम समय लगता है, आने वाले समय में वोटिंग और काउंटिंग और आसान हो जाएगी। हम सभी लोग वह दिन भी देखे हैं जब 03 से 06 दिन काउंटिंग होती थी। अब तो 06 घंटे में काउंटिंग हो जाती है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी की पहल से यह व्यवस्था आएगी और इससे देश में सुशासन की स्थापना होगी। जैसे जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाई गई, क्योंकि देश के सभी नागरिक यही चाहते थे। इसी प्रकार सभी लोगों के प्रयासों से यह चुनावी प्रक्रिया भी बदलेगी। उन्होंने कहा कि मुझे वर्ष 2001 से गुजरात में प्रशासनिक सेवा में रहते हुए मोदी जी के साथ कार्य करने का मौका मिला और केंद्र में जब वे प्रधानमंत्री बने उनके साथ कार्य करने का मौका मिला। मोदी जी देश हित में हमेशा निर्णय लेते हैं, देश कैसे आगे बढ़े इस पर हमेशा केंद्रित रहते हैं, यही उनकी कार्यशैली है। उन्होंने सेमिनार में उपस्थित लोगों की शंकाओं का भी समाधान किया। 

सेमिनार में  एक राष्ट्र एक चुनाव : सुशासन ने एक हेतु एक पहल विषय पर स्मारिका का तथा सुशासन और विकसित भारत की संकल्पना नामक पुस्तक का विमोचन।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू, नेशनल यूनिवर्सिटी भोपाल के कुलपति प्रो० बलराज चौहान, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० आलोक कुमार राय, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख प्रो० नंदलाल भारती, प्रोफेसर वी.के. मेनन, फैकल्टी मेंबर, अन्य प्रोफेसर, विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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