समाजवाद को मिली ऐतिहासिक जीत, समाजवाद भारतीय संविधान की अजर आत्मा - दीपक
सर्वोच्च न्यायालय को कोटिशः बधाई - मिश्र
आमरण अनशन नही करेंगे दीपक
प्रख्यात समाजवादी चिंतक और सांविधानिक व संसदीय अध्ययन संस्थान के सदस्य दीपक मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना पर आए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि समाजवाद भारतीय संविधान और समाज की अजर आत्मा है । लोक कल्याण और शोषण विहीन समाज की स्थापना ही भारतीय समाजवादी विचारधारा तथा संविधान का समग्र लक्ष्य है । समाजवाद चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह सरीखे शहीदों का रोमानी ख्वाब और नेहरू, सुभाष, लोहिया, जयप्रकाश समेत सभी राष्ट्रनिर्माताओं द्वारा अंगीकृत सिद्धांत है । जो लोग संविधान से समाजवाद शब्द हटवाना चाहते हैं, उनके अपने दुराग्रह हैं जो भारतीय संस्कृति और लोकजीवन के विरुद्ध हैं । सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न केवल समाजवाद की अपितु भारतीय लोक जीवन के आदर्शों की जीत को रेखांकित करता है । उल्लेखनीय है कि सुब्रमण्यम स्वामी, संजय राउत सदृश कुछ लोगों ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद शब्द हटाने की मांग की थी , तत्पश्चात केंद्र सरकार के कुछ दस्तावेज जारी हुए जिसमें संविधान कीवप्रस्तावना से समाजवाद शब्द गायब था । समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने समाजवाद के संदर्भ में लेक बहस चलाया और घोषणा की यदि संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद शब्द हटाया गया तो वे देश भर के समाजवादी साथियों के साथ आमरण अनशन करेंगे । दीपक ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की थी । पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने समाजवाद शब्द को हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की । मिश्र ने उनसे मिलकर भी याचिका वापस लेने का आग्रह किया था । अंततोगत्वा समाजवाद विरोधियों को सर्वोच्च न्यायालय में मुंह की खानी पड़ी ।
दीपक मिश्र ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से समाजवादी विचारकों और कार्यकर्ताओं का मनोबल कई गुना बढ़ा है , इससे समाजवाद सशक्तिकरण अभियान को बहुआयामी गुणात्मक शक्ति मिली है । इसमें दो राय नहीं कि समाजवाद की प्रासंगिकता दिन प्रति दिन और पल प्रति पल बढ़ रही है । संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बौद्धिक सभा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में दीपक ने कहा कि आज का दिन संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद, पंडित नेहरू, जी वी मावलंकर, सरदार पटेल , के एम मुंशी, आचार्य कृपलानी, मौलाना हसरत मोहानी, भीम राव आंबेडकर समेत सभी संविधान निर्माताओं को याद करने और उनके संकल्पों व सपनों से खुद को जोड़ने का दिन है । संगोष्ठी में लुआक्ता अध्यक्ष प्रो मनोज पांडेय, समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव प्रो दीपक राय, कविता वैदेही, अंबुज राय, अभय यादव , हिमांशु मिश्र समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे
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