वैज्ञानिक अन्वेषण के लिए विज्ञान की विभिन्न शाखाओं का समन्वय जरूरी: प्रो० कविता शाह
कुलपति,
सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर
विश्वविद्यालय के कृषि संस्थान मे आयोजित हुआ इन्टरैक्टिव सत्र।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टण्डन की पहल पर कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान मे कृषि संस्थान तथा बायोटेक्नोलॉजी विभाग के शिक्षकों व छात्रों का सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कविता शाह के साथ एक इन्टरैक्टिव सत्र का आयोजन 5 दिसम्बर को आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ मे संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र ने कुलपति प्रो शाह एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति का परिचय कराया। उन्होंने प्रो शाह का वैज्ञानिक जगत मे योगदान व उनकी अकादमिक यात्रा की अबतक की उपलब्धियों के बारे में श्रोताओं को अवगत कराया। तत्पश्चात प्रो शाह ने अपनी अबतक की अकादमिक यात्रा के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होने कहा कि विज्ञान की विभिन्न शाखाएं अलग न होकर मिली हुई हैं। सार्थक वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के मध्य की दीवार को गिराना होगा। उन्होने बताया कि जीवन मे आगे बढने के लिए हमेशा सीखते रहने की आदत डालनी होगी। विज्ञान की विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञ ही विज्ञान के क्षेत्र मे नये आविष्कार कर सकते हैं। उन्होने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि बायोकेमिस्टी के अलावा उन्होने मालिकुलर बायोलॉजी , रिकाम्बिनेन्ट बायोटेक्नोलॉजी, जन्तु विज्ञान तथा बायोइन्फोर्मेटिक्स मे विशषज्ञता हासिल की जिसकी वजह से विज्ञान की विभिन्न विधाओं मे अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाईं। उन्होने बताया कि 80% से ज्यादा मोडिफाइड फूड का प्रयोग हो रहा है। उन्होने कहा कि जीन टरान्सफर की कोई बाउन्डरी नही होती। उन्होने कृषि शोध से जुङे अनुभवों को भी साझा किया। उनके व्याख्यान के बाद "वैज्ञानिक जिज्ञासा और उसका समाधान" विषय पर भी एक सत्र रखा गया जिसमे उन्होने शिक्षकों व छात्रों के प्रश्नों का समाधान किया। सत्र के उपरान्त रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के निदेशक प्रो दिनेश यादव ने एक अच्छा वैज्ञानिक बनने के लिए एक छात्र मे आवश्यक गुणों के बारे मे बताया। उन्होने कहा कि अनवरत सीखते रहने की प्रकिया से गुजरकर ही हम एक अच्छा विशेषज्ञ वैज्ञानिक बन सकते हैं। कार्यक्रम के अन्त मे बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष व रिक्रूटमेंट सेल के निदेशक प्रो राजर्षि कुमार गौर ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए उपस्थित शिक्षकों व शोध छात्रों को कुलपति प्रो शाह के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन कृषि संस्थान के डाॅ पांडुरंग अर्सोड ने किया। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से कृषि संस्थान के समन्वयक डाॅ रामवन्त गुप्त, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डाॅ गौरव सिंह, डाॅ पवन दोहरे, कृषि संस्थान की डाॅ नुपुर सिंह, डाॅ अनुपम दूबे, डाॅ रुद्राजय मिश्र, डाॅ मोनालिसा साहू, डाॅ सरोज चौहान, डाॅ तल्हा अंसारी, डाॅ ज्ञान प्रकाश सिंह, डाॅ चन्द्रशेखर कुशवाहा, डाॅ स्नेहा सिंह तथा बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं मौजूद थीं।
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