समाज के अंतिम वर्ग को न्याय दिलाने के उद्देश्य से अधिवक्ता परिषद का हुआ था गठन - डॉ ० उदयवीर सिंह
अधिवक्ता को गरीबों के कल्याण की सोच रखना चाहिए- रामकृष्ण तिवारी।
हिन्द भास्कर, गोरखपुर।
19 सितम्बर ,2024
अधिवक्ता परिषद काशी गोरखपुर इकाई द्वारा अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के स्थापना दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को जिला अधिवक्ता एसोसिएशन गोरखपुर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर राम कृष्ण तिवारी ने कहा कि अधिवक्ता को गरीबो के कल्याण की सोच रखना चाहिए। कार्यक्रम में हरि प्रकाश मिश्रा,अमिताभ त्रिपाठी अटल, हरिशचंद्र निषाद, लालमन तथा कृष्ण दामोदर पाठक ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम का शुभारंभ अधिवक्ता परिषद के स्थापना काल के गणमान्य सदस्यों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि एवं वंदे मातरम से हुआ ।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगानसे हुआ। अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह रही कि , स्थापना काल से जुड़े पुराने कार्यकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश्चन्द्र निषाद , रामकृष्ण तिवारी , अभय नन्दन , ब्रजेन्द्र सिह , विवेक सरकारी व न्याय प्रवाह पत्रिका की सदस्य बनी युवा अधिवक्ता बहन रजनी भारती को स्मृति चिन्ह व न्याय प्रवाह पत्रिका की प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री श्रीमती अजिताभ पांडेय तथा आभार ज्ञापन संगठन के उद्देश्य व लक्ष्य बताते हुए अध्यक्ष डॉ उदयवीर सिंह ने किया ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभय नंदन त्रिपाठी, अजय कुमार मिश्रा अमिताभ त्रिपाठी अटल, राम कृष्णतिवारी ,अजय बजरंगी ,रजनी, मीरा शुक्ला, संजना, बंदना मौर्या सरिता चौबे, करुणा,अंशुलिका , विनोद सिंह बघेल, विरेन्द्र सिंह, अखिलेश दुबे, पूर्व मंत्री संतोष कुमार सिंह, डी जी सी राजस्व विवेक सरकारी, विष्णु कांत शुक्ला, आशुतोष पाण्डेय, ब्रृजेंद सिंह,राजीव भूषण यादव, शंभू निषाद,राकेश पांडे , भास्कर शुक्ला, सूर्य भान सिंह,अनुप पांडेय, अखिलेश दुबे, रविन्द्र धर दुबे , घनश्याम सिंह, विनोद सिंह बघेल, शांभवी ,पूर्णिमा पांडेय आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम में वंदेमातरम् का गायन रजनी भारती एवं सहयोगियो द्वारा किया गया तथा समापन राष्ट्र गान से हुआ ।
यह भी जानिये -
अखिल भारतीयअधिवक्ता परिषद का गठन क्यों किया गया ?
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद (ABAP) की स्थापना 1992 में हुई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय परम्पराओं के अनुरूप न्यायिक प्रणाली की स्थापना करना है । इसकी स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हिंदू राष्ट्रवादी विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा की गई थी । यह संगठन अधिवक्ताओं के लिए पेशेवर आचरण और शिष्टाचार के मानक तय करता है, और अपने अनुशासनात्मक अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करके विनियमन करता है ।
मुख्य गतिविधियाँ:
- _न्याय केंद्र:_ गरीब और वंचित वर्गों के लिए न्याय केंद्र स्थापित करना
- _कानूनी जागरूकता शिविर:_ लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए शिविर आयोजित करना
- _सेमिनार और कार्यशालाएँ:_ विभिन्न विषयों पर सेमिनार और कार्यशालाएँ आयोजित करना
- _अध्ययन और अनुसंधान:_ कानूनी मुद्दों पर अध्ययन और अनुसंधान करना
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के प्रमुख सदस्यों में एन. संतोष हेगड़े, एडर्श कुमार गोयल, और राम जेठमलानी शामिल हैं । यह संगठन भारतीय विधिज्ञ परिषद के साथ मिलकर काम करता है, जो भारत में विधिक व्यवसाय और विधिक शिक्षा का नियमन करती है ।
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