योग अपने आप में एक सम्पूर्ण विज्ञान -प्रो० द्वारिका नाथ
योग स्वयं को निदान तलाशने का मार्ग बताता है - प्रो. द्वारका नाथ
हिन्द भास्कर,गोरखपुर।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के दृष्टिगत साप्ताहिक योग कार्यक्रम के तहत योग एवं स्वास्थ्य विषय पर 16 जून को एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के स्वागत एवं प्रस्ताविकी के साथ महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र जी के द्वारा हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. द्वारका नाथ, अध्यक्ष, दर्शन विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि योग के अनेक आयाम है। योग अपने आप में एक सम्पूर्ण विज्ञान है। योग मे जो बातें हैं उसका परीक्षण किया जा सकता हैं। इसके द्वारा शरीर, मन एवं आत्मा तीनों लाभान्वित होता है। योग के स्वास्थ्य पक्षों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान करने से व्यक्ति का दृष्टिकोण सकारात्मक हो जाता है। योग हमें स्वयं की क्षमता से अवगत कराता है तथा स्वयं को निदान तलाशने का मार्ग बताता है।
इस आनलाइन व्याख्यान में कार्यक्रम का संचालन शोधपीठ के रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, प्रो. अनुभूति दुबे द्वारा मुख्य वक्ता एवं समस्त श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के आचार्य प्रो. दिनेश यादव, डॉ. सूर्यकांत, डॉ. रमेश चंद, डॉ. संजय तिवारी सहित शोधपीठ के डॉ. सोनल सिंह, डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी, हर्षवर्धन सिंह, डॉ. कुंवर रणंजय सिंह, चिन्मयानन्द मल्ल, विद्यार्थी आदि जुड़े रहे।
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