देवगुरु बृहस्पति 18 अक्टूबर 2025 से हो रहे हैं अतिचारी; जानें क्या पड़ेगा आप की राशि पर प्रभाव

18 अक्टूबर 2025 से देवगुरु के अतिचारी होने से विभिन्न राशि वालों को मिलेगी नयी जिम्मेदारी।

Oct 17, 2025 - 18:52
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देवगुरु बृहस्पति 18 अक्टूबर 2025 से हो रहे हैं अतिचारी; जानें क्या पड़ेगा आप की राशि पर प्रभाव

देवगुरु बृहस्पति का अतिचारी होना -

अवधि – 18 अक्टूबर से 5 दिसंबर 2025 तक ।

देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि से अतिचारी होकर 18 अक्टूबर 2025 दिन शनिवार को रात्रि 9.39 पर अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे ।

इस राशि में चलते हुए दिनांक 11 नवम्बर 2025 को रात्रि 10:11 पर पुनः वक्री हो जाएंगे और उनकी वापसी मिथुन राशि की ओर होने लगेगी । 

इस अवधि में बृहस्पति ग्रह एक डिग्री से कम ही दूरी तय किए रहेंगे । और वापस कर्क राशि में वक्री होकर पुनः 5 दिसंबर 2025 को शाम 3:38 पर मिथुन राशि में वक्री गति से चलते हुए प्रवेश कर जाएंगे ।

 

देवगुरु के अपने उच्च राशि कर्क में अतिचारी होने के दौरान अनेक राशियों पर इनका असर पड़ेगा । कुछ के लिए बहुत ही अच्छा और मांगलिक होगा लेकिन कुछ राशियों को इस बीच सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

1- मेष राशि

इस अवधि में गुरु चतुर्थ भाव में अतिचार करेंगे। घर-परिवार और संपत्ति से जुड़े मामलों में सुधार के संकेत हैं। नया वाहन या भूमि क्रय का योग बन सकता है। माता का सहयोग मिलेगा। परंतु मानसिक उलझनें और घरेलू खर्च बढ़ सकते हैं।

शुभ रंग – सफेद

उपाय – भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें।

2- वृष राशि

तीसरे भाव में अतिचारी गुरु साहस, पराक्रम और यात्रा का योग ला रहे हैं। भाई-बहनों से संबंध मधुर होंगे। जो लोग मीडिया, लेखन, या शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें लाभ मिलेगा। परंतु अनावश्यक वाद-विवाद से बचें।

शुभ रंग – पीला

उपाय – गुरुवार को बेसन के लड्डू दान करें।

3- मिथुन राशि

स्वराशि में ही अतिचारी गुरु आपके लिए विशेष फलदायी रहेंगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा और रुकी हुई योजनाओं में गति आएगी। लेकिन अति आत्मविश्वास हानिकारक हो सकता है। धन का आगमन रहेगा, पर खर्च भी बढ़ेगा।

शुभ रंग – सुनहरा

उपाय – पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं।

4- कर्क राशि

आपकी ही राशि में गुरु का अतिचारी होना अत्यंत शुभ और शुभफलदायी रहेगा। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और सामाजिक प्रभाव बढ़ेगा। भाग्य का साथ मिलेगा, नए अवसर मिलेंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।

शुभ रंग – पीला-सफेद

उपाय – वृहस्पतिवार को हल्दी और चना दान करें।

5- सिंह राशि

गुरु द्वादश भाव में अतिचार कर रहे हैं, जिससे खर्चों में वृद्धि और विदेश से जुड़े कार्यों की संभावना बढ़ेगी। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी पुराने रोग का पुनः प्रकोप संभव। ध्यान और सेवा कार्यों में लगना लाभदायक रहेगा।

शुभ रंग – हल्का पीला

उपाय – ब्राह्मण को भोजन कराएं।

6- कन्या राशि

गुरु एकादश भाव में अतिचारी होकर शुभ परिणाम देंगे। नई योजनाओं में सफलता, मित्रों से सहयोग और आय के नए स्रोत खुलेंगे। इच्छाएं पूरी होंगी। दांपत्य जीवन में सामंजस्य रहेगा।

शुभ रंग – पीला

उपाय – पीली दाल दान करें।

7- तुला राशि

गुरु दशम भाव में अतिचार कर कैरियर और प्रतिष्ठा में सुधार देंगे। नौकरी में पदोन्नति या नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। हालांकि कार्यस्थल पर कुछ ईर्ष्यालु लोग बाधा डाल सकते हैं।

शुभ रंग – सुनहरा

उपाय – गुरुवार को केले के पेड़ में जल चढ़ाएं।

8- वृश्चिक राशि

गुरु नवम भाव में अतिचारी होकर भाग्य को मजबूत करेंगे। उच्च शिक्षा, यात्रा और धार्मिक प्रवृत्तियों के लिए अनुकूल समय रहेगा। गुरु का यह गोचर नई दिशा देने वाला साबित होगा। विद्यार्थियों के लिए अत्यंत शुभ।

शुभ रंग – पीला

उपाय – ब्राह्मण को पीले वस्त्र दान करें।

9- धनु राशि

अष्टम भाव में अतिचारी गुरु कुछ गूढ़ और अप्रत्याशित परिवर्तन ला सकते हैं। अचानक लाभ या हानि दोनों की संभावना। स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर ध्यान दें। जीवनसाथी के साथ मतभेद से बचें।

शुभ रंग – केसरिया

उपाय – गुरुवार को गरीबों में भोजन वितरित करें।

10- मकर राशि

सप्तम भाव में अतिचार वैवाहिक जीवन और साझेदारी के मामलों में नया मोड़ लाएगा। जो अविवाहित हैं, उनके लिए विवाह योग बन सकता है। व्यवसायिक साझेदारी में सावधानी रखें।

शुभ रंग – पीला-सुनहरा

उपाय – भगवान विष्णु के मंदिर में चंदन अर्पित करें।

11- कुंभ राशि

षष्ठ भाव में अतिचार से प्रतिस्पर्धा में सफलता मिलेगी। शत्रु पर विजय और कार्यक्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी। हालांकि स्वास्थ्य और पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है। अनुशासन बनाए रखें।

शुभ रंग – हल्का पीला

उपाय – गुरुवार को गौ-सेवा करें।

12- मीन राशि

पंचम भाव में अतिचारी गुरु अत्यंत शुभ फल देंगे। शिक्षा, संतान और सृजनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। आर्थिक लाभ और नए अवसर मिलेंगे।

शुभ रंग – पीला-नारंगी

उपाय – पीली वस्तुएं गरीब बच्चों को दान करें।

 सारांश-

देवगुरु बृहस्पति का यह अतिचारी गोचर सभी राशियों के लिए कुछ न कुछ परिवर्तनकारी ऊर्जा लेकर आएगा। जहां एक ओर यह शुभता और उन्नति का संकेत देता है, वहीं संयम, धैर्य और विनम्रता की परीक्षा भी लेगा।

याद रखें – “जहां गुरु की कृपा, वहां सब सिद्धि सम्भव है। 

शुभम् भवतु ।

डाॅ. ए के पाण्डेय

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